Manufacturing sector growth : कारखाना (manufacturing) उत्पादन और बिक्री में तेज बढ़ोतरी (growth) के बीच फरवरी में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई जिसमें घरेलू और बाहरी मांगों की अहम भूमिका रही। नई दिल्ली में शुक्रवार को जारी मासिक सर्वेक्षण (monthly survey) से देश का विनिर्माण परिदृश्य बेहतर होने की तस्वीर सामने आई। यह सितंबर, 2023 के बाद विनिर्माण क्षेत्र की सबसे अच्छी स्थिति की ओर इशारा करता है। पीएमआई फरवरी में बढ़कर 56.9 हो गया।
मांग में तेजी से उत्पादन वृद्धि मजबूत बनी : इस सर्वेक्षण के मुताबिक फरवरी महीने में उत्पादन 5 महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ा और पिछले सितंबर के बाद से बिक्री में सबसे तेज वृद्धि हुई और निर्यात ऑर्डर में भी 21 महीनों का सबसे मजबूत विस्तार हुआ। एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा कि पीएमआई आंकड़ों से संकेत मिलता है कि घरेलू और बाहरी दोनों मांग से समर्थित उत्पादन वृद्धि मजबूत बनी हुई है।
मुद्रास्फीति 43 महीने के निचले स्तर पर : मुद्रास्फीति के मोर्चे पर क्रय लागत मुद्रास्फीति 43 महीने के निचले स्तर पर आ गई जिसकी वजह से बिक्री शुल्क कुछ हद तक बढ़ गया। कच्चे माल की लागत में साढ़े 3 साल में सबसे धीमी वृद्धि देखी गई। इससे विनिर्माण कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ। मजबूत घरेलू मांग के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोप, इंडोनेशिया, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात से मांग वृद्धि होने से नए निर्यात ऑर्डर लगभग 2 वर्षों में सबसे तेजी से बढ़े।
स्टॉक बनाने के लिए खरीद बढ़ाई : सर्वेक्षण के मुताबिक विनिर्माण कंपनियों ने अधिक उत्पादन जरूरतों, बिक्री में निरंतर वृद्धि और स्टॉक बनाने के लिए खरीद बढ़ाई। मांग बढ़ने के बीच विनिर्माताओं ने आगे भी तेजी का अनुमान जताया है। लैम ने कहा कि मजबूत मांग और लाभ मार्जिन में सुधार से उत्साहित विनिर्माताओं का भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में आशावादी दृष्टिकोण है। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने लगभग 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।(भाषा)