दरअसल पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) नियमों का अनुपालन न करने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सख्ती का सामना कर रही है। आरबीआई ने पीपीबीएल को 15 मार्च के बाद ग्राहक खातों, वॉलेट, फास्टैग और अन्य साधनों में नई जमा या टॉपअप स्वीकार करने से रोक दिया है।
समझौतों को खत्म करने पर सहमति जताई : वन97 कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि कंपनी और उसकी सहयोगी इकाई पीपीबीएल ने पीपीबीएल के स्वतंत्र संचालन के प्रति अपने दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। बीएसई फाइलिंग में कहा गया है कि निर्भरता कम करने की इस प्रक्रिया के तहत पेटीएम और पीपीबीएल ने पारस्परिक रूप से पेटीएम और उसके समूह संस्थाओं के साथ विभिन्न अंतर-कंपनी समझौतों को खत्म करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा पीपीबीएल के शेयरधारकों ने पीपीबीएल के बेहतर संचालन के लिए शेयरधारक समझौते (एसएचए) को सरल बनाने पर भी सहमति जताई है।
पेटीएम की अन्य सेवाएं जारी रहेंगी : पेटीएम ने पहले घोषणा की थी कि वह अन्य बैंकों के साथ नई साझेदारी पर हस्ताक्षर करेगी और अपने ग्राहकों एवं कारोबारियों को निर्बाध सेवाएं देने के लिए कदम उठाएगी। इसके साथ ही पेटीएम ने यह बात दोहराई कि पेटीएम ऐप, पेटीएम क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स और पेटीएम कार्ड मशीनें निर्बाध रूप से काम करती रहेंगी।
आरबीआई ने पीपीबीएल को 29 फरवरी के बाद ग्राहक खातों, वॉलेट, फास्टैग और अन्य साधनों में नई जमा या टॉपअप स्वीकार करने से रोक दिया था। बाद में इस समय सीमा को बढ़ाकर 15 मार्च तक कर दिया गया। मुश्किलों में फंसने के बाद पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने पीपीबीएल के अंशकालिक गैर-कार्यकारी चेयरमैन का पद छोड़ दिया है और निदेशक मंडल का भी पुनर्गठन किया गया है।(भाषा)