क्या 1 सितंबर से महंगी होगी चांदी, सिल्वर हॉलमार्किंग के नए नियम होंगे लागू?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 28 अगस्त 2025 (10:15 IST)
Silver Halmarking : सोने की तरह ही चांदी में भी 1 सितंबर से हॉल मार्किंग अनिवार्य होने जा रही है। इससे ग्राहकों को अब सोने की तरह ही चांदी के गहनों पर भी शुद्धता की गारंटी मिलेगी। फिलहाल यह नियम अनिवार्य नहीं होगा। ग्राहक चाहे तो हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीद सकते हैं लेकिन उनके पास बिना हॉलमार्क वाली चांदी खरीदने का भी अवसर रहेगा। अब सवाल उठ रहे हैं कि हॉलमार्किंग के साथ ही चांदी के दाम भी बढ़ जाएंगे।
 
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने चांदी की शुद्धता के लिए 6 स्टैंडर्ड 800, 835, 900, 925, 970 और 990 तय किए हैं। अब हर हॉलमार्क वाली ज्वेलरी पर एक 6 अंकों का यूनिक कोड होगा। गहनों पर लिखें कोड के आधार पर यह पता लगाया जा सकेगा कि चांदी कितनी शुद्ध है? यह सिस्टम पुराने हॉलमार्किंग तरीके की जगह लेगा और ज्यादा ट्रांसपेरेंसी लाएगा।
 
क्या होती है हॉलमार्किंग : हॉलमार्किंग का मतलब होता है मेटल की शुद्धता को प्रमाणित करना। BIS के लैब में टेस्टिंग के बाद ज्वेलरी पर निशान लगाया जाता है। इससे ग्राहक को भरोसा रहता है कि जिस गहने के लिए वह पैसे दे रहा है, वह उतना ही शुद्ध है। यदि चांदी पर 800 नंबर लिखा है तो चांदी 80 फीसदी शुद्ध है जबकि उस पर यदि 990 नंबर अंकित है तो यह 99 प्रतिशत शुद्ध है।
 
2021 में हुई थी सोने की हॉलमार्किंग : सरकार ने साल 2021 में सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य की थी, वैसे ही अब चांदी पर भी यह नियम लागू किया जा रहा है। इसका मकसद ज्वेलरी मार्केट को और अधिक पारदर्शी बनाना है।
 
ग्राहकों को क्या फायदा मिलेगा? हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीदने से चांदी की कीमतों पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन इससे ग्राहकों के विश्वास में वृद्धि हो सकती है। बिना हॉलमार्क वाली ज्वेलरी में मिलावट की संभावना बनी रहती है। लेकिन अब हॉलमार्क और HUID नंबर से धोखाधड़ी की गुंजाइश कम होगी। ग्राहक आसानी से BIS केअर एप पर जाकर Verify HUID फीचर के माध्यम से यह चेक कर सकेंगे कि गहनों पर अंकित कोड असली है या नकली। 
 
edited by : Nrapendra Gupta

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