उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय पर लघु बचतों पर ब्याज दरें कम रखने का दबाव है। श्रम मंत्रालय के साथ चर्चा में, हो सकता है कि वे ईपीएफ पर भी कम ब्याज दर के किसी विकल्प पर काम कर रहे हों।’ईपीएफओ के सलाहकार वित्त ऑडिट एवं निवेश समिति (एफएआईसी) की बैठक में पिछले महीने 2015-16 के लिए प्रत्येक अंशधारक को 200 रुपए का बोनस तथा 8.75 प्रतिशत ब्याज देने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि पीजी बानसुरे ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था। (भाषा)