रिलायंस इंडस्ट्रीज 10,000 करोड़ रुपए का तिमाही मुनाफा कमाने वाली निजी क्षेत्र की पहली कंपनी बनी

Webdunia
शुक्रवार, 18 जनवरी 2019 (00:06 IST)
नई दिल्ली। प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) किसी एक तिमाही में 10,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाने वाली निजी क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 10,251 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।
 
 
कंपनी की विज्ञप्ति के अनुसार पेट्रोरसायन, खुदरा और दूरसंचार कारोबार से रिकॉर्ड आमदनी की वजह से कंपनी अपने रिफाइनरी मार्जिन में आई गिरावट की भरपाई करने में सफल रही।
 
 
पेट्रोलियम से लेकर दूरसंचार सहित कई कारोबार करने वाली आरआईएल का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.8 प्रतिशत बढ़कर 10,251 करोड़ रुपए या 17.30 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में मुनाफा 9,420 करोड़ रुपए या 16 रुपए प्रति शेयर रहा था।
 
 
यह निजी क्षेत्र की किसी कंपनी का सबसे ऊंचा तिमाही मुनाफा है। इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी) किसी तिमाही में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी है।

आईओसी ने 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में 14,512.81 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया था। आईओसी को पूरे साल की ईंधन सब्सिडी एक तिमाही में मिलने की वजह से उसका मुनाफा असामान्य रूप से बढ़ गया था।
 
 
आलोच्य तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार 56 प्रतिशत बढ़कर 1,71,336 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी ने तिमाही के दौरान कई और खुदरा स्टोर खोले और उसकी जियो मोबाइल सेवा के ग्राहकों की संख्या में 2.8 करोड़ का इजाफा हुआ जिससे कंपनी के दूरसंचार कारोबार का मुनाफा बढ़ा है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से कंपनी के परंपरागत तेल रिफाइनिंग कारोबार का मार्जिन दबाव में रहा।
 
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि अपने देश और अंशधारकों के लिए अधिक मूल्य सृजन के प्रयासों के बीच हमारी कंपनी 10,000 करोड़ रुपए का तिमाही मुनाफा कमाने वाली निजी क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई है। कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव के बीच कंपनी ने एकीकृत आधार पर मजबूत तिमाही नतीजे दिए हैं।
 
 
उन्होंने कहा कि कंपनी ने खुदरा और दूरसंचार कारोबार में तेज वृद्धि की रफ्तार को कायम रखा। कंपनी के खुदरा कारोबार का कर पूर्व लाभ 210 प्रतिशत बढ़कर 1,512 करोड़ रुपए हो गया। देश के 6,400 शहरों और कस्बों में कंपनी के 9,907 स्टोर हैं। त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत बिक्री तथा नए स्टोर खोलने की वजह से कंपनी के खुदरा कारोबार का मुनाफा बढ़ा है।
 
 
समूह की दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो का एकल शुद्ध लाभ तिमाही के दौरान 65 प्रतिशत बढ़कर 831 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 28.01 करोड़ हो गई, जो सितंबर तिमाही के अंत तक 25.23 करोड़ थी। जियो की प्रति ग्राहक औसत आय (एआरपीयू) मामूली घटकर 130 रुपए प्रति माह रह गई, जो इससे पहले 131.7 रुपए थी।
 
 
कंपनी के पेट्रोरसायन कारोबार का कर पूर्व मुनाफा 43 बढ़कर 8,221 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी परिसर की परिचालक की कर पूर्व आय में लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट रही। तिमाही के दौरान कर पूर्व आय 18 प्रतिशत घटकर 5,055 करोड़ रुपए रह गई।
 
 
कंपनी को प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 8.8 डॉलर की कमाई हुई। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर 2017 की तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 11.6 डॉलर प्रति बैरल था।
 
 
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 9.5 डॉलर प्रति बैरल रहा था। तीसरी तिमाही में कंपनी के तेल एवं गैस कारोबार का का कर पूर्व घाटा कम होकर 185 करोड़ रुपए पर आ गया, जो दूसरी तिमाही में 480 करोड़ रुपए और पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 291 करोड़ रुपए पर था।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसने प्रमुख निवेश चक्र को पूरा कर लिया है। 31 दिसंबर, 2018 को कंपनी का बकाया ऋण बढ़कर 2,74,381 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 2,58,701 करोड़ रुपए और 31 मार्च को समाप्त तिमाही में 2,18,763 करोड़ रुपए था। कंपनी के पास उपलब्ध नकदी तिमाही के दौरान मामूली बढ़कर 77,933 करोड़ रुपए हो गई, जो इससे पिछली तिमाही में 76,740 करोड़ रुपए थी।
 
 
कंपनी ने कहा कि जियो का एकल राजस्व 12.4 प्रतिशत बढ़कर 10,383 करोड़ रुपए हो गया जबकि पेट्रोरसायन उत्पादन 97 लाख टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। कंपनी के खुदरा या रिटेल कारोबार का राजस्व 89 प्रतिशत बढ़कर 35,577 करोड़ रुपए रहा।
 
 
तीसरी तिमाही में रिलायंस जियो का प्रति ग्राहक औसत डाटा उपभोग बढ़कर 10.8 जीबी तथा वॉयस प्रति ग्राहक 794 मिनट पर पहुंच गया। तिमाही के दौरान कंपनी का कुल वायरलेस डाटा उपभोग 864 करोड़ जीबी और कुल वॉयस ट्रैफिक 63,406 करोड़ मिनट रहा। (भाषा)

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