दास ने कहा कि नीतिगत दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचाना लंबे समय से केंद्रीय बैंक को परेशान करता रहा है, लेकिन अब बैंकों द्वारा अपनी कर्ज की ब्याज दरों को किसी बाहरी मानक से जोड़ने की शुरुआत के बाद इसके बेहतर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नए ऋणों पर ब्याज दर में औसतन 0.44 प्रतिशत की कमी आई है।