इसके प्रभाव से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई में तेजी आ सकती है। इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपये के कमजोर होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं।