निक्की इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जून के 52.6 से बढ़कर जुलाई में 54.2 पर पहुंच गया है। आलोच्य माह के दौरान नए कारोबारों की वृद्धि जून 2017 के बाद सबसे अधिक रही है। पीएमआई सूचकांक का 50 से ऊपर होना वृद्धि का द्योतक है, जबकि 50 से कम सूचकांक गिरावट का संकेत देता है।
आईएचएस मार्केट की अर्थशास्त्री एवं रिपोर्ट की लेखिका आश्ना डोढिया ने कहा, जून 2017 के बाद नए ऑर्डरों में सर्वाधिक मासिक तेजी के दम पर सेवा क्षेत्र ने जुलाई में अक्टूबर 2016 के बाद का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। मांग में सुधार की खबरों के बीच कारोबारी धारणा जून के हालिया निचले स्तर से सुधरी है। इसके साथ ही कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में अप्रैल के बाद की सर्वाधिक तेज वृद्धि की है।
इस बीच निक्की इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स भी जून के 53.3 से बढ़कर जुलाई में 54.1 पर पहुंच गया है। इसमें विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्र शामिल होते हैं। डोढिया ने कहा, सेवा क्षेत्र और विनिर्माण दोनों में वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था की परिचालन परिस्थितियां अक्टूबर 2016 के बाद सबसे तेजी से सुधरी हैं।
मूल्य के हिसाब में मुद्रास्फीति का दबाव जुलाई के दौरान बना रहा है। डोढिया ने रिजर्व बैंक की नीतियों के बारे में कहा, अनिश्चित वैश्विक माहौल, मुद्रा की गिरावट तथा मजबूत मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक पर आगे भी आने वाले महीनों में ब्याज दर बढ़ाने का दवाब डाल सकती हैं। (भाषा)