आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जियो ने कहा कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में उपयोग के लिए उच्च फ्रीक्वेंसी को रखा गया है। कंपनी चाहती है कि भारत को इस मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन बैंड में देश में परीक्षण शुरू होना चाहिए। सरकार सुझाव और परीक्षण के लिए तैयार है। कई परीक्षण पहले से जारी हैं।
कंपनी ने 26.5-29.5 गीगाहर्ट्ज और 24.25-27.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी की मांग की है। इस उच्च फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी अगले साल होने की संभावना है। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह 5जी प्रौद्योगिकी को दूसरे देशों में बेचने से पहले इसका परीक्षण चाहती है। रिलांयस इंडस्ट्रीज की 43वीं सालाना आम बैठक में मुकेश अंबानी ने कहा था कि जियो ने 5जी समाधान विकसित किया है। (भाषा)