साइरस मिस्त्री के आरोप बेबुनियाद : टाटा समूह

गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016 (23:12 IST)
नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित एवं बड़े उद्योग घराने टाटा समूह ने अध्यक्ष पद से हटाए साइरस मिस्त्री के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए गुरुवार को कहा कि इनका जवाब उचित समय और मंच पर दिया जाएगा।      
टाटा समूह ने यहां एक बयान में कहा है कि मिस्त्री के ईमेल लीक होना अक्षम्य अपराध है और इससे समूह की छवि को गहरा धक्का लगा है। बयान में कहा गया है कि समूह के अधिकार महज बोर्ड रूम के मूल्यों और सिद्धांतों तक सीमित नहीं होकर छह लाख से अधिक कर्मचारियों तक फैले हैं। मिस्त्री ने कर्मचारियों की निगाहों में समूह की छवि खराब करने की कोशिश की है। 
 
टाटा समूह ने कहा कि उनके आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और इस तरह के बेबुनियाद आरोपों के ऊपर सार्वजनिक बहस में उतरना टाटा समूह की गरिमा के खिलाफ है। बयान में कहा गया है, हमारे पास काफी रिकॉर्ड हैं, जो मिस्त्री के आरोपों को गलत साबित कर देंगे और उन्हें आवश्यकता पड़ने पर उपयुक्त मंच के सामने पेश किए जाएंगे।
        
टाटा संस के निदेशक मंडल में विभिन्न क्षेत्रों के जानेमाने लोग शामिल हैं। मिस्त्री के प्रति बोर्ड में अविश्वास का माहौल था। निदेशकों ने उनके सामने कई बार शिकायतें की थीं लेकिन मिस्त्री उनका समाधान नहीं कर पाए। इसके बाद समूह ने अध्यक्ष बदलने का फैसला पूरी तरह सोच-विचारकर लिया।
       
बयान के अनुसार, मिस्त्री वर्ष 2006 से कंपनी के बोर्ड में थे और 28 दिसंबर 2012 को उन्हें कंपनी का अध्यक्ष बनाया गया था। इतने लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम करने के बाद उन्हें समूह की संस्कृति, प्रचालन, परिचालन आदि से भलीभांति परिचित होना चाहिए था। एक कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते समूह को आगे ले जाना उनकी जिम्मेदारी बनती थी। उनके कई निर्णयों से बोर्ड में असंतोष था और इसी कारण उन्हें पद से हटाया गया। (वार्ता)

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