अब नहीं होगी आलोचना : कार्तिक

रविवार, 3 जून 2007 (11:48 IST)
भारत की नई ओपनिंग खोज दिनेश कार्तिक ने उम्मीद जताई है कि उनके पहले टेस्ट शतक से आलोचकों के मुँह बंद हो जाएँगे।

कार्तिक ने कहा कि मैं अपने प्रदर्शन में हमेशा निरंतरता लाने की कोशिश करता हूँ और यह तभी हो सकता है, जब मैं अपने फुटवर्क और एकाग्रता पर मेहनत करुँ।ँ। मैं हमेशा यही करने की कोशिश करता हूँ। युवा ओपनर ने अपना पहला टेस्ट शतक अपने परिवार और अपनी पत्नी निकिता को समर्पित किया।

कार्तिक ने कहा ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं अपनी बल्लेबाजी को एकदिवसीय क्रिकेट से टेस्ट क्रिकेट में बदल रहा हूं। मुझे खुशी है कि मेरा प्रयास ठीक चल रहा है। मैं वीरू भाई (वीरेंद्र सहवाग) जैसा बनना चाहता हूँ, जिन्होंने मध्यक्रम से शुरुआत की थी और सफल ओपनर बने।

129 रन की पारी उनके नियमित ओपनर नहीं होने को लेकर उठ रहे सवालों को शांत कर देगी? कार्तिक ने कहा मुझे ऐसी ही उम्मीद है। मैं अच्छा ओपनर बनने की पूरी कोशिश कर रहा हूँ और जितना हो सके उतने रन बनाना चाहता हूँ।

कार्तिक ने कहा कि इस पारी ने उन्हें संतोष दिया है क्योंकि यह मुश्किल परिस्थतियों में खेली गयी थी और उन्हें बुखार भी था। मैंने खुद से कहा खेलते रहो क्योंकि मैं शतक के नजदीक था। यह मेरे लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि यह मेरा पहला शतक था और अब मैं बहुत खुश हूँ।

क्या विकेट के धीमे होने के कारण तेजी से रन बनाने में दिक्कत हो रही थी? कार्तिक ने कहा गेंद बल्ले पर ठीक से नहीं आ रही थी। मैं आउट भी इसीलिए हुआ, क्योंकि धीमे विकेट के कारण गेंद को मैं समय से पहले ही खेल गया था।

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