कप्तान ही टीम का बॉस : व्हाटमोर

रविवार, 3 जून 2007 (12:01 IST)
बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कोच पद को अलविदा कह रहे डेव व्हाटमोर ने सुपर स्टार खिलाड़ियों को प्रभावी तरीके से निर्देशित करने की अपनी क्षमता के बारे में बताते हुए कहा कि कप्तान ही टीम का असली 'बॉस' होता है।

भारतीय टीम के कोच पद के अहम दावेदार व्हाटमोर ने पत्रकारों के साथ करीब घंटे की बातचीत में भारतीय सुपर स्टारों को निर्देशित करने की अपनी रणनीति का खाका भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कप्तान बॉस है। वह टीम का प्रभारी होता है।

व्हाटमोर ने यह भी संकेत दिया कि कोच का कार्यभार अभी विकसित हो रहा है। खिलाड़ी ही कोच बनाते हैं क्योंकि उन्हें ही मैदान में उतरना होता है। कोच ऐसा माहौल बनाता है, जिसमें उसके खिलाड़ी अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन कर सकें।

वर्ष 1996 में अपनी कोचिंग में श्रीलंका को विश्र्व कप का खिताब दिला चुके 53 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर व्हाटमोर ने कहा कि हार की दशा में कोच और खिलाड़ियों दोनों को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।

श्रीलंका में जन्में व्हाटमोर ने कहा जब टीम जीतती है तो खलाड़ियों को प्रशंसा मिलती है। इसी तरह हार के वक्त भी सभी को संयुक्त रूप से जिम्मेदारियाँ लेनी चाहिए।

टीम के चयन में कप्तान की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर व्हाटमोर ने कहा बांग्लादेश में चयन समितियों की बैठक में मेरे पास मतदान का अधिकार था, लेकिन यदि आप मुझे इसे जारी रखने के बारे में पूछेंगे तो मैं नहीं में जवाब दूँगा। यह अलग अलग देशों की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

भारतीय सुपर स्टारों को संभालने के बारे में व्हाटमोर ने सर्तकता से जवाब देते हुए कहा कोच का कार्य जीत के उद्देश्य से विभिन्न खिलाड़ियों के साथ अलग अलग स्तर पर संवाद स्थापित करना होता है, जिससे टीम को सफलता मिले। कोच को निश्चित तौर पर सही समय पर सही चीज सही स्तर पर उपलब्ध करानी होती है।

हालाँकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उनके लिए यह ठीक नहीं होगा, लेकिन संभवतः वह भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल और सुपर स्टारों के बीच समस्याओं से परिचित हैं। उन्होंने कहा मैं चैपल की कार्य प्रणाली पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जानता हूँ वह एक जिन्दादिल इंसान हैं।

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