कैरेबियाई पिचों से अनजान हैं 11 खिलाड़ी

रविवार, 21 जून 2009 (20:31 IST)
सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर और तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा वेस्टइंडीज दौरे पर गई 16 सदस्यीय भारतीय टीम के उन 11 खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्हें अभी तक कैरेबियाई पिचों पर खेलने का अनुभव नहीं है।

ट्वेंटी-20 विश्व कप में तीन करारी हार के बाद सुपर आठ से ही बाहर का रास्ता देखने वाले भारत के लिए कैरेबियाई सरजमीं पर दूसरी बार द्विपक्षीय श्रृंखला जीतना इसलिए भी कड़ी चुनौती है क्योंकि वेस्टइंडीज में अब तक उसने जो 23 मैच खेले हैं उनमें से 17 में उसे हार मिली और इनमें से 15 बार उसे मेजबान टीम ने हराया। इन दोनों टीमों के बीच अब तक खेले ए 90 मैच में हालाँकि भारत ने 35 और वेस्टइंडीज ने 53 में जीत दर्ज की है।

वेस्टइंडीज गई भारतीय टीम में से कप्तान महेंद्रसिंह धोनी, उपकप्तान युवराजसिंह, ऑफ स्पिनर हरभजनसिंह और लंबे अंतराल के बाद टीम में वापसी करने वाले आशीष नेहरा ही वेस्टइंडीज की परिस्थितियों से वाकिफ हैं जबकि आरपी सिंह को वहाँ केवल एक एकदिवसीय मैच खेलने का अनुभव है।

युवराज को वनडे में कैरेबियाई पिचें रास आती हैं। वह 2002 के अपने पहले दौरे में तीन एकदिवसीय मैचों में केवल 23 रन ही बना पए थे लेकिन 2006 के दौरे में उन्होंने 93, 52 और 26 रन की तीन अच्छी पारियाँ खेली। इसके बाद विश्व कप 2007 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 47 और बरमुडा के खिलाफ 83 रन बनाए थे। बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज में अब तक खेले गए दस मैच में 30.66 की औसत से 330 रन बनाए हैं।

इस समय खराब फॉर्म में चल रहे धोनी का बल्ला हालाँकि वेस्टइंडीज में अब तक धूम नहीं मचा पाया है। भारतीय कप्तान ने वहाँ आठ वनडे मैचों में 17.71 की औसत से केवल 124 रन बनाए हैं और उन्हें कैरेबियाई धरती पर पहले अर्धशतक का इंतजार है। हरभजनसिंह की स्पिन का जादू भी वहाँ की तेज पिचों पर नहीं चला और यही कारण है कि उनके नाम पर दस मैच में 62.33 के औसत से केवल छह विकेट दर्ज हैं।

नेहरा और आरपी सिंह ने वेस्टइंडीज में केवल एक एक वन डे मैच खेला है। नेहरा ने 2002 में पोर्ट ऑफ स्पेन में यह मैच खेला, जिसमें उन्होंने 25 रन देकर दो विकेट लिए जबकि आरपी सिंह ने 2006 में किंग्स्टन में एकमात्र मैच खेला था, जिसमें सात ओवर में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। नेहरा को हालाँकि वहाँ चार टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है, जिनमें उनके नाम पर 12 विकेट दर्ज हैं।

इनके अलावा गंभीर, रविंदर जडेजा, दिनेश कार्तिक, प्रवीण कुमार, अभिषेक नायर, प्रज्ञान ओझा, यूसुफ पठान, ईशांत, रोहित शर्मा, मुरली विजय और एस. बद्रीनाथ वेस्टइंडीज में अपना पहला मैच खेलेंगे।

भारतीय टीम वेस्टइंडीज में पाँचवीं द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला खेलेगी, जिनमें से चार में उसे हार और केवल एक में जीत मिली है। भारत ने 2002 में पाँच मैच की श्रृंखला 2-1 से जीती थी। इसके पहले दो मैच बारिश की भेंट चढ़ गए थे। पिछले दौरे (2006) में उसे हालाँकि 1-4 की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी लेकिन इसके बाद 2007 में भारतीय टीम ने स्वदेश में खेली गई श्रृंखला 3-1 से अपने नाम की थी।

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