चेन्नई टेस्ट में महेंद्र सिंह धोनी की गलतियां (Mahendra Singh Dhoni)

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013 (12:31 IST)
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई टेस्ट में अपने करियर की संभवत: सबसे यादगार पारी खेली और टीम को जीत दिलवाई। लेकिन चेन्नई में भारतीय टीम की इस चमकीली जीत के बावजूद कुछ लोग धोनी की खामियां गिना रहे हैं। वे लोग धोनी के प्रभावशाली दोहरे शतक और टीम की जीत में कैप्टन कूल के योगदान को नज़रअंदाज़ करके उनकी कमियां गिना रहे हैं।

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गलती नंबर 1 : धोनी ने ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार के रूप में दो तेज़ गेंदबाज़ तो शामिल कर लिए लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं किया। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दोनों पारियों में कुल 226 ओवरों तक बल्लेबाज़ी की, जिसमें से इन दोनों गेंदबाज़ों ने पूरे मैच में कुल मिलाकर 33 ओवर गेंदबाज़ी की। अगर विकेट स्पिनरों के लिए मददगार था तो धोनी ने एक तेज़ गेंदबाज़ के स्थान पर प्रज्ञान ओझा को शामिल क्यों नहीं किया?

गलती नंबर 2. मुरली विजय का चयन- कुछ क्रिकेट समीक्षकों का कहना है कि धोनी से 'चेन्नई सुपर किंग्स' का मोह भारतीय टीम में भी नहीं छूटता। यही वजह है कि उन्होंने सलामी बल्लेबाज़ के स्लॉट के लिए शिखर धवन के बजाय मुरली विजय को तरजीह दी। मुरली विजय चेन्नई टेस्ट में पूरी तरह विफल रहे। अब अगले टेस्ट के लिए धोनी को अपनी गलती सुधार लेनी चाहिए।

गलती नंबर 3. हरभजन सिंह का इस्तेमाल- पूर्व टेस्ट क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने हरभजन के इस्तेमाल पर धोनी की आलोचना की थी। लक्ष्मण का कहना था कि धोनी हरभजन के साथ अच्छा बर्ताव नहीं कर रहे हैं। लक्ष्मण ने कहा था कि हरभजन को नजरअंदाज कर धोनी गलत मेसेज दे रहे हैं। वह भज्जी को टीम के लिए अनचाहा होने का एहसास करा रहे हैं। ऐसा खिलाड़ी, जो करियर का 100वां टेस्ट खेल रहा हो, इस बर्ताव हकदार नहीं है।'

ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में धोनी ने आर अश्विन से 42 और रवींद्र जड़ेजा से 36 ओवर करवाए, वहीं हरभजन को सिर्फ 25 ओवर गेंदबाज़ी का मौका दिया गया।

बहरहाल, भारतीय टीम बड़े अंतर से चेन्नई टेस्ट जीत चुकी है और चारों तरफ धोनी की तारीफ ही हो रही है। धोनी की इन गलतियों की तरफ किसी का ध्यान नहीं है, क्योंकि विजेता से कोई नहीं पूछता कि उसने क्या गलती क

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