रिकॉर्ड के बादशाह मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर बांग्लादेश के खिलाफ 17 जनवरी से चटगाँव में शुरू हो रही दो टेस्ट की श्रृंखला के दौरान 30 रन बनाते ही टेस्ट क्रिकेट में 13000 रन पूरे करने वाले पहले क्रिकेटर बनकर एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे।
एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले तेंडुलकर ने अब तब 162 टेस्ट में 43 शतक और 54 अर्धशतक की मदद से 54.72 की बेहतरीन औसत के साथ 12970 रन बनाए हैं और वे टेस्ट क्रिकेट में 13 हजारी बनने से सिर्फ 30 रन दूर हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक 30 हजार से अधिक रन बनाने वाले तेंडुलकर को अगर गेंदबाजी का मौका मिलता है तो वे छह विकेट चटकाते ही टेस्ट क्रिकेट में विकेटों का अर्धशतक भी पूरा कर लेंगे। उनके नाम अभी 52.22 की औसत से 44 विकेट दर्ज हैं।
भारत के अन्य बल्लेबाजों की बात करें तो मध्यक्रम के दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण के पास सात हजारी बनने का मौका होगा, जबकि रिजर्व विकेटकीपर के तौर पर टीम में शामिल दिनेश कार्तिक और तेज गेंदबाज जहीर खान भी टेस्ट क्रिकेट में एक हजार रन पूरे कर सकते हैं।
दूसरी तरफ भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी भारत के दूसरे सबसे सफल विकेटकीपर बन सकते हैं, जबकि ऑफ स्पिनर हरभजनसिंह श्रृंखला में सात विकेट चटकाते ही अपने विकेटों की संख्या को 350 तक पहुँचा देंगे।
लक्ष्मण ने अब तक 108 टेस्ट में 14 शतक और 42 अर्धशतक के साथ 45.50 की औसत से 6917 रन बनाए हैं और दो टेस्ट की श्रृंखला के दौरान 83 रन पूरे करते ही वे टेस्ट क्रिकेट में सात हजार रन पूरे करने वाले भारत के पाँचवें और दुनिया के 36वें बल्लेबाज बन जाएँगे।
कार्तिक ने 22 टेस्ट में 28.61 की औसत के साथ 973 रन बनाए हैं और वे एक हजार रन पूरे करने से सिर्फ 27 रन दूर हैं, जबकि भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ जहीर ने अब तक 68 टेस्ट में 13.47 की औसत से 903 रन जोड़ें हैं, जिसमें तीन अर्धशतक भी शामिल हैं।
कप्तान धोनी पर गौर करें तो टीम को सफलता की बुलंदियों तक पहुँचाने के बाद उनके पास भी भारत का दूसरा सबसे सफल विकेटकीपर बनने का मौका होगा। धोनी अगर दो टेस्ट की श्रृंखला के दौरान 11 शिकार बनाते हैं तो वे किरण मोरे को पीछे छोड़ देंगे।
धोनी ने अब तक 40 मैचों में 120 शिकार (102 कैच और 18 स्टंपिंग) बनाए हैं, जबकि मोरे के नाम 49 मैचों में 130 शिकार (110 कैच और 20 स्टंपिंग) दर्ज हैं। भारत का सबसे सफल विकेटकीपर होने का श्रेय सैयद किरमानी को जाता है जिन्होंने 88 मैचों में 198 शिकार बनाए हैं, जिसमें 160 कैच और 38 स्टंपिंग शामिल हैं।
दूसरी तरफ हरभजन सात विकेट के साथ ही अपने विकेटों की संख्या को 350 तक पहुँचा देंगे और यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे भारतीय और दुनिया के 18वें गेंदबाज बन जाएँगे। इस ऑफ स्पिनर ने अब तक 80 टेस्ट में 30.82 की औसत के साथ 343 विकेट अपने नाम किए हैं। (भाषा)