विश्व कप में लचर प्रदर्शन करने वाली टीम के खिलाड़ियों का कहना है कि कोच बॉब वूल्मर की मौत के बाद उस कड़वे अनुभव का भुला देना इतना आसान नहीं है।
वूल्मर की मौत के बाद वेस्टइंडीज में खिलाड़ियों के साथ हत्या के संदिग्ध की तरह व्यवहार किया गया था।
वूल्मर की हत्या नहीं की गई थी इस खबर से खिलाड़ियों ने राहत की साँस तो ली है, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके साथ किए गए उत्पीड़न और गुस्से के घाव समय के साथ ही भर सकते हैं।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों से सवाल पूछे गए थे। फिर उनके फिंगर प्रिंट और डीएनए टेस्ट कराया गए। किंग्सटन अधिकारियों ने वूल्मर की हत्या के 11 दिन बाद ही खिलाड़ियों को स्वदेश रवाना होने की इजाजत दी।
वूल्मर की हत्या के बाद विश्व कप के दौरान इंजमाम उल हक ने कप्तानी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि ये घाव इतनी आसानी से नहीं भरेंगे, क्योंकि किंग्सटन में खिलाड़ियों के साथ बुरा बर्ताव किया गया।
विश्व कप के बाद एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों से संन्यास लेने वाले इंजमाम ने कहा कि अन्य खिलाड़ी और स्वंय उन्हें लगता था कि वूल्मर की मौत स्वभाविक हुई थी।
इंजमाम ने हालाँकि कहा था कि जमैका पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से किसी को भी फायदा नहीं होगा। इंजमाम ने कहा कि जो होना था हो गया। जिस मानसिक प्रताड़ना से हम गुजरे उसे दिमाग से नहीं निकाला जा सकता।
उन्होंने कहा लेकिन मैं बोर्ड से भविष्य में इस तरह के मामलों को ठीक तरह से सुलझाने की गुजारिश करूँगा। किंग्सटन में हमें एकबार को लगा कि हम अकेले हैं और उन परिस्थितियों में कोई भी हमारे समर्थन के लिए मौजूद नहीं है।
जमैका पुलिस ने कम से कम तीन महीने तक चली जाँच के बाद इसे प्राकृतिक मौत करार कर दिया। उन्होंने पाकिस्तानी टीम और बोर्ड को उनकी जाँच में सहयोग करने की तारीफ की।
शाहिद अफरीदी ने कहा कि जमैका अधिकारियों के सचाई स्वीकारने से हम राहत महसूस कर रहे हैं। लेकिन वूल्मर की मौत के बाद के समय को भुलाना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमने सहयोग किया क्योंकि हम चाहते थे कि सच सबके सामने आ जाए। हमें पूरा विश्वास था कि वूल्मर की हत्या नहीं की गई थी, क्योंकि इस घिनौनी चीज को होने के कोई सबूत नहीं थे।
उन्होंने कहा, लेकिन जमैका पुलिस ने हम पर संदेह करना शुरू कर दिया। यह भयावह था जब हमें मालूम हुआ कि हमें मुख्य संदिग्ध की तरह देखा जा रहा था।