लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर शुक्रवार की रात को वेस्टइंडीज के ड्वेन ब्रावो का 'काला जादू' सिर चढ़कर बोला। पहले उन्होंने गेंदबाजी में करिश्मा (4 विकेट) दिखाया और फिर बल्लेबाजी में अपने जौहर (36 गेंदों पर नाबाद 66 रन) दिखाते हुए भारत को 7 विकेट से पराजित होने पर मजबूर कर दिया।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 153 रन बनाए थे और वेस्टइंडीज ने 8 गेंद शेष रहते 3 विकेट खोकर विजयी लक्ष्य (156) हासिल कर लिया। जाहिर था कि 'मैन ऑफ द मैच' पर ब्रावो का नाम ही चढ़ा।
आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट के सुपर आठ मुकाबले में भारत वेस्टइंडीज से नहीं बल्कि ब्रावो से हारा। इस प्रतिभाशाली गेंदबाज ने पहले गेंदबाजी में भारत की कमर तोड़ी और बाद में तूफानी बल्लेबाजी से भारतीय गेंदबाजों को उड़ा डाला।
जीत के लिए 154 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम ने 9 रनों के कुल स्कोर पर ही फ्लेचर (0) का विकेट गँवा दिया था। यूसुफ पठान ने क्रिस गेल (22) को जहीर खान के हाथों कैच करवाकर भारतीय खेमे में खुशी का संचार किया।
आठवें ओवर के भीतर गेल के आउट होने के वक्त वेस्टइंडीज का स्कोर 47 रन था लेकिन उसके बाद सिमंस और ब्रावो ने भारतीय गेंदबाजी को बोथरा साबित कर दिया। सिमंस 14.3 ओवर में प्रज्ञान ओझा की गेंद पर जब इरफान पठान के हाथों कैच आउट हुए, उसके पहले 44 रनों की पारी खेल चुके थे।
मैच के असली 'नायक' की भूमिका ब्रावो ने निभाई और वे मात्र 36 गेंदों पर 4 चौकों और 3 छक्कों की सहायता से नाबाद 66 रन बनाते हुए अपनी टीम को 7 विकेट से जीत दिलाकर ही मैदान से बाहर लौटे। वेस्टइंडीज को यह जीत तब मिली जब 18.4 ओवर का खेल ही हुआ था और स्कोर बोर्ड पर 156 रन टंग चुके थे। ब्रावो के साथ शिवनारायण चन्द्रपाल 18 रनों पर नाबाद रहे।
भारतीय गेंदबाजों में सबसे ज्यादा धुनाई ईशांत शर्मा की हुई जिन्होंने 3 ओवर में 33 रन लुटाए। जहीर खान की झोली 2.4 ओवर की गेंदबाजी करने के बाद भी खाली ही रही। इरफान पठान ने जरूर 2 ओवर में 9 रन देकर 1 विकेट, यूसुफ पठान ने 4 ओवर में 27 रन देकर 1 विकेट और प्रज्ञान ओझा ने 3 ओवर में 29 रन की कीमत पर 1 विकेट प्राप्त किया।
इससे पूर्व भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सिक्का जीतकर पहले बल्लेबाजी जरूर चुनी लेकिन उसकी शुरुआत निराशाजनक रही, लेकिन बाद में युवराजसिंह के अर्धशतक और यूसुफ पठान की मूल्यवान साझेदारी से वह संभल गया था लेकिन कोई नहीं जानता था कि लॉर्ड्स के मैदान पर भारत द्वारा 20 ओवर में 7 विकेट खोकर बनाए गए रन 153 रन वेस्टइंडीज के सामने बेहद बौने दिखाई देंगे।
पिछले मैचों में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा कोई कमाल नहीं दिखा सके और केवल 3 गेंदों पर 5 रन बनाकर कैच आउट हो गए। एडवर्ड की गेंद पर चौका लगाने के प्रयास में रोहित सिमंस को कैच थमा बैठे।
मैच के चौथे ओवर में भारत का स्कोर 27 पर पहुँचा था कि सुरेश रैना (5) एडवर्ड की गेंद पर विकेटकीपर रामदीन के खूबसूरत कैच का शिकार हो गए।
भारत ने तीसरा विकेट सुरेश रैना के रूप में खोया। रैना जब 5 रन पर थे, तब ब्रावो की गेंद पर छक्का उड़ाने गए लेकिन सिमंस ने लंबी दौड़ लगाकर आश्चर्यजनक रूप से कैच लपक लिया।
भारत 29 रन पर तीन विकेट गँवा चुका था और कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी से काफी अपेक्षाएँ रख रहा था लेकिन वे भी इस नाजुक मौके पर अपनी पारी के साथ न्याय नहीं कर सके। 23 गेंदों पर केवल 11 रन बनाने वाले धोनी को ब्रावो की ही गेंद पर फ्लेचर ने लपका। भारत के 4 विकेट 66 रन के कुल स्कोर पर पैवेलियन लौट चुके थे।
बाद में टीम के उपकप्तान युवराजसिंह और यूसुफ पठान ने मोर्चा संभाला और स्कोर को 100 के पार पहुँचाया। युवराजसिंह काफी शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे और जब वे 43 गेंदों पर 67 रन के निजी स्कोर पर थे, तभी एडवर्ड की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। युवराज ने अपनी आक्रामक पारी में 6 चौके और 2 छक्के उड़ाए।
ब्रावो के मैच के अंतिम ओवर की पहली ही गेंद पर यूसुफ पठान ( 23 गेंदों में 31 रन) बोल्ड हो गए, लेकिन तब तक वे स्कोर को 140 रन तक खींच ले गए थे। ब्रावो ने तीसरी गेंद पर इरफान पठान (2) को कैच आउट करवा दिया।
ब्रावो की अंतिम तीन गेंदों पर हरभजनसिंह ने लगातार तीन चौके जड़कर स्कोर को 20 ओवर में 7 विकेट पर 153 रन पर पहुँचा दिया। ब्रावो ने 4 ओवर में 37 रन देकर 4 और एडवर्ड ने 25 रन देकर 3 विकेट हासिल किए।