भारत पर भारी पड़ सकती है हार

गुरुवार, 18 जून 2009 (10:37 IST)
भारतीय टीम को इंग्लैंड में खेले गए आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्वकप सुपर आठ के तीनों मैच में हार का खामियाजा अगले साल अप्रैल में वेस्टइंडीज में होने वाली चैंपियनशिप में भी भुगतना पड़ सकता है, जहाँ उसे ऑस्ट्रेलिया के पहले दौर में बाहर होने के कारण 'मौत के ग्रुप' में जगह मिल सकती है।

आईसीसी ने इंग्लैंड में खेली जा रही चैंपियनशिप में ग्रुप तैयार करने के लिए जिस तरह की प्रणाली अपनाई थी यदि वह उसी पर कायम रहकर अगले टूर्नामेंट के लिए ग्रुप बनाता है तो फिर 'मौत का ग्रुप' बनना तय माना जा रहा है। भारत का खिताब बचाने में नाकाम रहने के कारण वह दो अन्य मजबूत टीमों के साथ फँस सकता है।

भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने अपने प्रशंसकों से वादा किया है कि उनकी टीम नौ महीने बाद बेहतर तैयारी के साथ बेजोड़ प्रदर्शन करने के लिए कैरेबियाई देशों में जाएगी लेकिन यदि इस बार की तरह ग्रुप बने तो भारत को इस बार उपविजेता टीम और ऑस्ट्रेलिया के साथ ग्रुप 'बी' में रखा जा सकता है और ऐसे में यह 'मौत का ग्रुप' बन जाएगा।

आईसीसी ने इस बार ग्रुप बनाने के लिए दक्षिण अफ्रीका में 2007 में खेली गई चैंपियनशिप के प्रदर्शन के आधार पर वरीयता तय की थी। इससे भारत को नंबर एक वरीयता मिली और नंबर आठ पर रहे बांग्लादेश को आठवीं वरीयता मिली।

इस तरह से पहले और आठवें नंबर की टीम को एक साथ रखा गया। आयरलैंड एसोसिएट देशों के क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में शीर्ष पर रहा था और इस तरह से उसे इन दोनों के साथ ग्रुप 'ए' में रखा गया।

अब यदि यही नियम बरकरार रहता है तो अगले साल चोटी की चार वरीयता इस बार विजेता और उपविजेता बनने वाली टीम तथा सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को दी जाएगी। भारत ने सुपर आठ में एक भी मैच नहीं जीता लेकिन उसका नेट रन रेट आयरलैंड से थोड़ा बेहतर है और वह सातवें नंबर पर रहा।

इस तरह से वेस्टइंडीज में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्वकप में भारतीय टीम को सातवीं वरीयता मिलेगी और उसे इस बार की उपविजेता रही टीम के साथ ग्रुप 'बी' में रखा जा सकता है। यदि इस बार की तरह क्वालिफाइंग की चैंपियन टीम को नौवीं वरीयता मिलती है तो फिर ऑस्ट्रेलिया को दसवीं वरीयता हासिल होगी और ऐसी दशा में वह भी ग्रुप 'बी' में होगा।

वेस्टइंडीज 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए ट्वेंटी-20 विश्वकप में कोई मैच नहीं जीत पाया था और इसलिए इस बार उसे 11वीं वरीयता मिली थी। उसे ग्रुप 'सी' में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के साथ रखा गया। ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने ग्रुप की दोनों टीमों से हार गई और पहले दौर में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

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