मनोबल ऊँचा करना चाहेगी टीम इंडिया

शनिवार, 19 मार्च 2011 (19:13 IST)
क्वार्टर फाइनल में प्रवेश लगभग तय होने के बावजूद भारतीय टीम विश्वकप ग्रुप 'बी' के आखिरी लीग मैच में कल वेस्टइंडीज पर शानदार जीत दर्ज करके नाकआउट चरण के लिए जरूरी आत्मविश्वास हासिल करना चाहेगी।

यह मैच जीतकर भारत न सिर्फ क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर लेगा और पिछले मैच में दक्षिण अफ्रीका के हाथों हुई पराजय के बाद खोया मनोबल भी हासिल कर लेगा। गेंदबाजी और फील्डिंग में समस्याओं के अलावा भारत अभी तक सही टीम संयोजन नहीं तलाश पाया है जिस पर टीम प्रबंधन को संजीदगी से सोचना होगा।

इस मैच में सभी की नजरें सचिन तेंदुलकर पर भी होंगी जो सौवां अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने की दहलीज पर है। तेंडुलकर के नाम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 99 शतक हो चुके हैं, जिनमें 177 टेस्ट में 51 और 449 वनडे में 48 शतक शामिल है। चेपॉक उनका पसंदीदा मैदान भी है, जहाँ उन्होंने पाँच टेस्ट शतक जड़े हैं। यदि वह कल शतक जमाते हैं तो एक दिवसीय क्रिकेट में इस मैदान पर यह उनका पहला शतक होगा।

टीम के अब तक के औसत प्रदर्शन के बावजूद भारत की क्वार्टर फाइनल में जगह लगभग पक्की है। कल हारने पर भी महेंद्रसिंह धोनी की टीम नेट रनरेट के आधार पर अगले दौर में पहुँच जाएगी।

अभी तक ग्रुप बी से सिर्फ दक्षिण अफ्रीका ही क्वार्टर फाइनल में पहुँच सका है। बाकी तीन स्थानों के लिए भारत, इंग्लैंड (सात अंक), वेस्टइंडीज और बांग्लादेश (छह अंक) के बीच खुला मुकाबला है। भारत उसी स्थिति में बाहर हो सकता है जब वेस्टइंडीज उसे बुरी तरह हरा दे।

खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही भारतीय टीम अभी तक अपेक्षा के अनुरूप नहीं खेल सकी है। गेंदबाजी औसत रही है और बल्लेबाज भी लगातार अच्छा नहीं खेल सके हैं। खराब फॉर्म से जूझ रहे लेग स्पिनर पीयूष चावला को बार बार मौका दिए जाने पर धोनी और चयनकर्ताओं के बीच भी मतभेद पैदा हो गए हैं।

ऑफ स्पिनर आर अश्विन को अंतिम एकादश से बाहर रखकर चावला को तरजीह देने के धोनी के फैसले से मुख्य चयनकर्ता क्रिस श्रीकांत खफा है। बीसीसीआई ने हालांकि मतभेद की खबरों का खंडन किया है लेकिन कुछ तो गड़बड़ जरूर है।

बल्लेबाजी क्रम में भी उलजुलूल बदलाव करने पर धोनी को आलोचना झेलनी पड़ी है। वैसे कल अश्विन को मौका दिए जाने की पूरी संभावना है, जिनका यह घरेलू मैदान है। ऐसे संकेत हैं कि यूसुफ पठान की जगह सुरेश रैना को उतारा जा सकता है।

दूसरी ओर कैरेबियाई टीम का कोई भरोसा नहीं है जो फॉर्म में होने पर किसी को भी हरा सकती है। बल्लेबाजी में हालाँकि टीम क्रिस गेल पर बहुत हद तक निर्भर करती है, जिन्हें कल अपनी साख के अनुरूप खेलना है।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के आखिरी नौ विकेट जिस तरह 29 रन के भीतर गिर गए थे, उससे साबित होता है कि बल्लेबाजी अभी भी बहुत हद तक तेंडुलकर पर निर्भर करती है। उन्होंने 111 रन बनाये थे।

नागपुर में हुए उस मैच के बाद तीन दिन के ब्रेक में खिलाड़ियों को आत्ममंथन करने का पूरा मौका मिला है। वहीं डेरेन सैमी की अगुआई वाली कैरेबियाई टीम को अगले दौर में जाने के लिए यह मैच हर हालत में जीतना होगा। उसके लिए अच्छी बात पिछले मैच के जरिये वनडे क्रिकेट में पदार्पण करने वाले युवा लेग स्पिनर देवेंद्र बिशू का शानदार फॉर्म है जिसने तीन विकेट चटकाए थे। (भाषा)

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