मुश्किल दौर से गुजरें हैं प्रायर

बुधवार, 17 अगस्त 2011 (23:07 IST)
इंग्लैंड के विकेटकीपर मैट प्रायर ने खुलासा किया कि जब वह टीम में आए थे तो उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था और एक वक्त ऐसा भी आया था, जब उनके दिमाग में खेल छोड़ने की बात चलती रहती थी।

भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रृंखला के लॉर्ड्‍स में पहले टेस्ट में नाबाद 103 रन की पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रायर ने कहा मैं काफी मुश्किलों के दौर से गुजर चुका हूं।

उन्होंने कहा जब मैं पहली बार इंग्लैंड की टीम में आया था तो वह दौर मेरे लिए काफी कठिन था। मैं काफी परेशान और चिंतित रहता था।

प्रायर की विकेट के पीछे धीमे रहने के लिए आलोचना की जाती रही थी और इसी कारण इंग्लिश टीम में उन्होंने थोड़े समय के लिए अपना स्थान गंवा दिया था। उन्होंने कहा कि हालांकि कठिन समय ने उन्हें क्रिकेटर के रूप में विकास करने में काफी मदद की है।

उन्होंने कहा आप जैसे भी खिलाड़ी और व्यक्ति हो, उसमें बुरा दौर अहम भूमिका निभाता है। बुरा वक्त आपको निखारता है।

प्रायर ने कहा मैं जो भी करता था, उसके लिए मेरे साथ मेरी मां की भी आलोचना की जाती थी। यह पूरी तरह से चरित्र हनन की तरह था। इससे मैं आहत हो जाता था, लेकिन समय गुजरने के साथ साथ मैं और मजबूत हुआ।

प्रायर अब इस बात से गर्व महसूस कर सकते हैं कि वह अब ऐसी इंग्लैंड टीम का हिस्सा हैं, जिसने भारत को 3-0 से शिकस्त देकर उसे नंबर एक टेस्ट रैंकिंग से हटाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। इस 20 वर्षीय ने इस सफलता का श्रेय अपने साथी खिलाड़ियों के बीच बढ़ते सांमजस्य को दिया।

भारतीय टीम पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा मुझे अब खुद को याद दिलाना पड़ता है कि मैं साथी खिलाड़ियों के साथ उच्च श्रेणी का क्रिकेट खेल रहा हूं।

प्रायर ने कहा इसे इस तरह से बयां किया जा सकता है कि आप शनिवार को क्लब ग्राउंड में एक लीग मैच खेल रहे हो, बस इसमें यह फर्क है कि यह लॉर्ड्‍स पर या एजबेस्टन ग्राउंड पर होता है। (भाषा)

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