शहर के एक मात्र स्टेडियम ग्रीन पार्क में भारत-पाक एक दिवसीय मैच होने के कारण बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था ने यहाँ सुबह की सैर करने आने वालों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है।
सेहत बनाने के लिए और अपने को फिट रखने के लिए वर्षों से ग्रीन पार्क आ रहे लोग पुलिस की पूछताछ से तंग आकर या तो घर बैठना बेहतर समझ रहे हैं या फिर मोहल्ले के पार्कों या सड़क पर ही सैर कर रहे हैं।
ग्रीन पार्क स्टेडियम में 11 नवंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच एक दिवसीय मैच होना है चूँकि मैच दो बड़ी क्रिकेट टीमों के बीच है और कानपुर एक संवेदनशील शहर है इसलिए पुलिस प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है और उसने मैच से एक माह पूर्व ही पुलिसकर्मी स्टेडियम में तैनात कर दिए हैं।
स्टेडियम पर पुलिस की निगाह इतनी कड़ी है कि अभी 10 दिन पहले उत्सुकतावश स्टेडियम देखने आए एक स्थानीय मदरसे के तीन छात्रों को पुलिस ने गहन पूछताछ के बाद ही छोड़ा। शहर के मसवानपुर इलाके के तीन युवकों ज्ञान, रतन और रोहित को स्टेडियम से पकड़कर इस हिदायत के साथ छोड़ा गया कि वह दोबारा कमी स्टेडियम के इर्द-गिर्द न दिखाई दें।
शहर का एक मात्र स्टेडियम होने के कारण यहाँ प्रतिदिन सुबह शाम दो से तीन हजार लोग टहलने आते थे, जिसमें अधिकतर संख्या बुजुर्गों व महिलाओं की होती है, लेकिन भारत-पाक मैच ने इन लोगों की राह में काफी अड़चने पैदा कर दी हैं।
मेस्टन रोड इलाके से पिछले कई सालों से स्टेडियम में टहलने आने वाले मेराज अहमद कहते हैं कि पुलिस की पूछताछ और टोका-टाकी से तंग आकर हम बुजुर्गों के एक पूरे ग्रुप ने टहलने जाना ही बंद कर दिया है अब हम लोग मैच खत्म होने के बाद ही ग्रीन पार्क का रुख करेंगे।
वहीं सिविल लाइन में रहने वाले रिटायर्ड अध्यापक अमित हर्ष सिन्हा कहते हैं कि सुबह-सुबह ताजी हवा में टहलने जाओ तो सुरक्षाकर्मियों के हजार निर्देश सुनो कि इधर न जाओ उधर न जाओ इससे अच्छा है कि घर के सामने ही टहल लो।
इस संबंध में कानपुर क्षेत्र के डीआईजी हरिशंकर शुक्ला कहते है कि हमारा मकसद किसी को परेशान करना नहीं है हम तो केवल स्टेडियम की सुरक्षा कर रहे हैं। इसमें कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है, लेकिन ऐसा करना सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी भी है।