इंग्लैंड के सबसे सफल टेस्ट कप्तान माइकल वॉन ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी तरह के संस्करणों से तत्काल प्रभाव से संन्यास लेने की घोषणा कर दी।
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वॉन ने यह कदम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू हो रही एशेज सिरीज में टीम में स्थान नहीं मिलने के बाद उठाया है। वॉन पिछले वर्ष अगस्त में दक्षिण अफ्रीका के हाथों घरेलू सिरीज में मिली हार के बाद टीम की कप्तानी छोड़ दी थी और तभी से वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए थे।
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में वॉन ने कहा कि लंबे समय तक विचार करने के बाद मैंने क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बना लिया। मुझे लगता है कि मेरे लिए संन्यास लेने का यही सही समय है। मैं इंग्लैंड की तरफ से खेलकर और कप्तानी कर बेहद खुश हूँ। हालाँकि मेरे लिए यह निर्णय लेना काफी कठिन रहा।
उन्होंने कहा मैं पिछले सोलह वर्ष से लगातार क्रिकेट खेल रहा था, लेकिन अब मुझे लगा कि क्रिकेट को अलविदा कहने का यह सही समय है। हमारी टीम में काउंटी के कई बेहतरीन युवा खिलाड़ी आ गए हैं और अब युवाओं का ही समय है। ऐसे में अब इंग्लैंड टीम को इन्हीं युवा खिलाड़ियों की जरूरत है।
34 वर्षीय वॉन ने कहा मैं इंग्लैंड के दर्शकों, ईसीबी और यॉर्कशायर काउंटी को धन्यवाद देना चाहूँगा, जिन्होंने मेरे पूरे करिअर के दौरान भरपूर समर्थन दिया। इसके अलावा मैं अपनी पत्नी निकोला तथा अपने पूरे परिवार को भी धन्यवाद देता हूँ। मैं अपने टीम के खिलाड़ियों, मैनेजरों, कोचों, मीडिया और प्रशासकों के प्रति तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने मेरे करिअर को ऊँचाई प्रदान करने में मदद की।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कहा कि मैं एंड्रयू स्ट्रास और मौजूदा इंग्लैंड टीम को एशेज सिरीज में शानदार प्रदर्शन करने की शुभकामना देता हूँ। मुझे पता है कि यह टीम वर्ष 2005 के इतिहास को दोहराने के लिए बेताब है। मेरी शुभकामनाएँ पूरी टीम के साथ है। वॉन ने कहा कि मेरे लिए 2005 में एशेज सिरीज जीतना सबसे बड़ी सफलता थी। मेरे करिअर का वह सबसे ऊंचा मुकाम था । उस दिन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।
एशेज काफी प्रतिष्ठित शृंखला होती है और मेरी कप्तानी में टीम ने इसे जीता था। गौरतलब है कि वॉन ने 2003 में इंग्लैंड की कप्तानी संभाली थी और वह 2008 तक टीम के कप्तान रहे थे। उन्होंने अपनी कप्तानी में इंग्लैंड 51 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 26 टेस्ट जीते थे, 14 ड्रॉ रहे जबकि 11 में इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा था। वॉन की बेहतरीन कप्तानी ने उन्हें इंग्लैंड का सबसे सफल कप्तान होने का तमगा भी दिलाया।
वॉन ने वर्ष 2002-03 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में शानदार प्रदर्शन किया था और उन्होंने तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में शानदार तीन शतकों समेत रिकार्ड 633 रन बनाए थे। वॉन के लिए वर्ष 2004 शानदार रहा था। इस दौरान उन्होंने टीम को कई स्वर्णिम सफलता दिलाई। इसके अलावा वॉन ने नासिर हुसैन के संन्यास लेने के बाद वनडे टीम की भी कमान संभाली।
वॉन के लिए सबसे स्वर्णिम लम्हा 2005 में आया। उन्होंने इस वर्ष एशेज में ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज टीम को परास्त किया था, लेकिन उसके बाद से वॉन अपने पूरे करिअर में चोट और खराब प्रदर्शन से भी परेशान रहे। घुटने की चोट के कारण वॉन काफी समय तक परेशान रहे।
इस बार के एशेज सिरीज के लिए टीम में जगह बनाने के लिए वॉन ने काउंटी क्रिकेट भी खेली, लेकिन वह यहाँ बुरी तरह असफल रहे और सात काउंटी चैंपियनशिप मैचों में केवल 147 रन ही बना सके। वॉन के लगातार खराब प्रदर्शन के कारण चयनकर्ताओं ने उन्हें एशेज के लिए चुनी गई प्री एशेज टीम में शामिल नहीं किया था।
इस बीच रवि बोपारा ने वॉन की जगह तीसरे नंबर पर खेलते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया जिसके कारण भी वॉन का दावा कमजोर हुआ। वॉन ने 82 टेस्ट मैचों में 41.44 के औसत से 5719 रन बनाए हैं, जिसमें उनके 18 शतक शामिल हैं।
टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भारत के खिलाफ 197 रन हैं। इसके अलावा वॉन ने 86 वनडे मैचों में 1982 रन बनाए थे। उनका औसत 27.15 का रहा और इसमें उनके 16 अर्द्धशतक शामिल हैं।