सिरीज जीतकर भारत ने रचा इतिहास

बुधवार, 11 मार्च 2009 (17:27 IST)
आक्रामकता के पर्याय वीरेंद्र सहवाग ने आज यहाँ सेडन पार्क को रनों की होली से रंगीन करके भारत को चौथे एकदिवसीय क्रिकेट मैच में न्यूजीलैंड पर डकवर्थ-लुईस पद्वति से 84 रन की जोरदार जीत दिलाई, जिससे 33 साल बाद भारतीय पहली बार कीवियों की सरजमीं पर श्रृंखला जीतने में भी सफल रहे।

'मैन ऑफ द मैच' सहवाग ने केवल 60 गेंद पर शतक ठोककर नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया और कुल 74 गेंद पर 14 चौकों और छह छक्कों की मदद से 125 रन बनाए तथा गौतम गंभीर (नाबाद 63) के साथ दोहरी शतकीय साझेदारी की। इससे भारत ने कई बार बारिश का व्यवधान झेलने वाले मैच में 23.3 ओवर में बिना किसी नुकसान के 201 रन बनाकर डकवर्थ-लुईस पद्वति से जीत दर्ज की।

ND
भारत ने इस जीत से पाँच मैच की श्रृंखला में 3-0 की अजेय बढ़त भी हासिल कर ली। 33 सालों में यह पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड से उसकी सरजमीं पर एकदिवसीय श्रृंखला में विजय हासिल की।

न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 47 ओवर में 270 रन बनाए। वह ब्रेंडन मैकुलम (77) और जेसी राइडर (46) से मिली ठोस शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाया लेकिन पीटर मैकग्लासन (नाबाद 56) और ग्रांट एलियट (नाबाद 35) ने दस ओवर में 95 रन की साझेदारी करके टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया।

भारत के लिए लक्ष्य तीन बार तय करना पड़ा। पहले उसे 47 ओवर में 281 रन बनाने की चुनौती मिली। बारिश के व्यवधान के बीच इसे 43 ओवर में 263 और बाद में 36 ओवर में 220 रन कर दिया गया। इसके बाद जब फिर बारिश आई तो भारत को 75 गेंद पर 19 रन चाहिए थे और उसे विजयी घोषित कर दिया गया।

सहवाग तो मैदान पर उतरते ही रनों की फुहार छोड़ने के मूड में थे और उन्होंने किसी भी कीवी गेंदबाज को नहीं बख्शा। गेंद उनके बल्ले तक आती और पलक झपकते ही गोली तरह सीमा रेखा पार चली जाती। सहवाग के इन तेवरों के सामने भारत को किसी भी समय सचिन तेंडुलकर की कमी नहीं खली, जो तीसरे एकदिवसीय मैच में 163 रन की पारी खेलने के दौरान चोटिल हो गए थे।

गंभीर भी दूसरे छोर पर सहवाग की बल्लेबाजी का लुत्फ उठाते रहे। बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने 67 गेंद का सामना किया तथा छह चौके लगाए। कीवी गेंदबाजों पर कहर सहवाग ने बरपाया। उन्होंने किसी भी गेंदबाज को नहीं बख्शा, जिससे भारतीय पारी के दौरान जब बारिश ने पहला व्यवधान डाला तो टीम का स्कोर दस ओवर में 83 रन था। इसके बाद डकवर्थ-लुईस को ध्यान में रखकर सहवाग के तेवर और तीखे हो गए।

सहवाग ने न्यूजीलैंड के कप्तान डेनियल विटोरी की गेंद पर लांग ऑफ पर छक्का जड़कर केवल 60 गेंद पर शतक पूरा किया और इस तरह से मोहम्मद अजहरुद्दीन के 1988 में बनाए गए 62 गेंद पर शतक के भारतीय रिकॉर्ड को तोड़ा। यही नहीं, उन्होंने इस बीच छक्कों का शतक भी पूरा किया। यह कारनामा करने वाले वह भारत के चौथे बल्लेबाज बन गए हैं।

इससे पहले जहीर खान और प्रवीण कुमार ने सही लाइन और लेंग्थ से गेंदबाजी करके उसके बल्लेबाजों को खुलकर नहीं खेलने दिया। मैकुलम और राइडर ने रविवार को क्राइस्टचर्च में मैदान के चारों तरफ रन बटोरे थे लेकिन यहाँ उन्हें संघर्ष करना पड़ा। ये दोनों पहले सात ओवर में केवल 21 रन जोड़ पाए लेकिन अगले पाँच ओवर में 49 रन बटोरकर उन्होंने इसकी भरपायी करने की कोशिश की।

युवराजसिंह और यूसुफ पठान ने गेंद संभालने के बाद रन प्रवाह पर रोक लगाई तथा 15 से 25 ओवर के बीच दस ओवरों में केवल 33 रन दिए। मैक्कुलम जब 43 रन पर थे, तब महेंद्रसिंह धोनी उन्हें स्टंप आउट नहीं कर पाए जबकि 68 रन के निजी योग पर सहवाग ने उन्हें जीवनदान दिया। दोनों अवसरों पर गेंदबाज युवराज थे।

राइडर पर तेजी से रन बनाने का दबाव साफ दिख रहा था और ऐसे में उन्होंने युवराज की गेंद हवा में उछाल दी जिसे शार्ट स्क्वेयर पर सुरेश रैना ने अपने हाथों में समा दिया। रोस टेलर भी अधिक देर नहीं टिक पाए और जल्दी पैवेलियन लौट गए।

न्यूजीलैंड ने 34 से 38वें ओवर के बीच बल्लेबाजी पावर-प्ले लिया लेकिन इस बीच उसने 32 रन के अंदर तीन विकेट गँवाए, जिनमें मैक्कुलम और जैकब ओरम के विकेट भी शामिल हैं।

मैकग्लासन और एलियट ने इसके बाद जिम्मा संभाला और बीच में दो बार बारिश की बाधा के बावजूद कुछ अच्छे शॉट जमाकर न्यूजीलैंड को सम्मानजनक स्थिति में पहुँचाया। भारत की तरफ से ईशांत शर्मा ने 57 रन देकर दो विकेट लिए।