नॉटिंघम। भारतीय टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के शुरुआती दोनों मैचों में असफल होने के बाद उन्होंने अपनी बल्लेबाजी का विश्लेषण किया जिसके कारण वे ट्रेंटब्रिज में शनिवार को 81 रन की पारी खेल सके। रहाणे की अर्द्धशतकीय पारी के अलावा कप्तान विराट कोहली ने भी 97 रनों की पारी खेली जिससे पहले दिन स्टंप्स के समय भारत का स्कोर 6 विकेट पर 307 रन था।
रहाणे ने बीसीसीआई डॉट टीवी से कहा कि पिछले टेस्ट मैच के बाद मैंने ड्रेसिंग रूम में बैठकर अपनी अच्छी पारियों का विश्लेषण किया कि मैंने उस समय कैसे बल्लेबाजी की थी, मेरी मानसिकता कैसी थी। उन मैचों के लिए मैंने खुद को कैसे तैयार किया था। रहाणे इस मैच से पहले बर्मिंघम और लॉर्ड्स टेस्ट मैच में पूरी तरह विफल रहे थे।
भारतीय उपकप्तान ने कहा कि पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर आपको सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ेगा लेकिन अपकी इच्छाशक्ति मजबूत होनी चाहिए। अगर आपकी मानसिकता और नजरिया सही है, तो नतीजे खुद ही आऐंगे। उन्होंने कहा कि जाहिर है, मैंने पहले दोनों टेस्ट के बाद हिम्मत नहीं खोई। मुझे विश्वास था कि अगर खराब गेंद आई, तो उस पर रन बनाऊंगा। अंतिम परिणाम के बारे में ज्यादा सोचने से दबाव बनता है। मेरा लक्ष्य एक बार में एक गेंद खेलने पर था। पहले दिन की सबसे आकर्षक बात रहाणे और कोहली की 159 रनों की साझेदारी रही।
रहाणे ने कहा कि जब विराट और मैं बल्लेबाजी कर रहे थे तब हमारा लक्ष्य साझेदारी बनाना था और जब हम जम गए तब हमारा ध्यान रन बनाने पर था। यह साझेदारी हमारे लिए वास्तव में महत्वपूर्ण थी। शुरुआत से हम दूसरे को स्ट्राइक देने की कोशिश कर रहे थे। हमने खराब गेंदों का भरपूर फायदा उठाया। रहाणे ने पहले दिन भारत के बल्लेबाजी प्रदर्शन पर भी संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पहला दिन कुल मिलाकर काफी अच्छा रहा। अगर हमारा स्कोर 307/4 पर होता, तो यह और भी अच्छा होता। हार्दिक पंड्या आखिरी ओवर में आउट हो गए लेकिन पहले दिन का खेल खत्म होने पर यह अच्छा स्कोर है। (भाषा)