बर्मिंघम। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अनिल कुंबले के साथ मतभेद की अटकलबाजियों को खारिज करते हुए कहा कि मुख्य कोच से उन्हें ‘कोई समस्या’नहीं थी और यह पूरी घटना सिर्फ अफवाह है। कोहली ने कल यहां चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले चैम्पियंस ट्राफी के शुरुआती मुकाबले से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि काफी ज्यादा अटकलें लगाई गई हैं और जो लोग चेंज रूम का हिस्सा नहीं थे, उन्होंने काफी चीजें लिखी हैं जो काफी हैरानी की बात है। ऐसी कोई भी समस्या नहीं है।
एक अन्य पत्रकार ने जब सवाल दूसरे तरीके से पूछा कि पिछले साल कुंबले के साथ उनका सफर कैसा रहा तो उन्होंने बिना किसी भाव के कहा कि यह सफर सचमुच काफी अच्छा रहा है। पूरी यात्रा अच्छी रही। कुंबले के साथ कथित मतभेदों के बारे में कप्तान ने स्पष्ट किया कि किसी को भी सिर्फ टिप्पणी करने से पहले हालात के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
कोहली ने मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सहमति और असहमति होती है। मैं उन चीजों के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा जिनके बारे में मैं पहले से ही नहीं जानता। मैं अटकलें नहीं लगाऊंगा। मुझे लगता है कि इस समय धैर्य की कमी है और कोई भी अपनी गलती स्वीकारने को तैयार नहीं है। अगर आप (मीडिया) कुछ चीज लिखते हो और यह गलत हो जाता है तो आप यह कहने के बजाय कि समस्या का निवारण हो गया, इतना तो स्वीकार कीजिये कि आप गलत थे।
कोहली ने टीम को परिवार की तरह बताते हुए कहा कि इसमें आपस में असहमति हो सकती है। उन्होंने कहा कि सहमति होना सामान्य है, यहां तक कि घर में भी, कोई भी सभी चीजों पर सहमत नहीं होता। यह तो इंसान का स्वभाव है। जब आप किसी चीज के बारे में पूरी तरह से नहीं जानते तो अफवाहें मत फैलाइए और अटकलें मत लगाइए, सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान रखिए। कोहली ने कहा कि वे समझते हैं कि मीडिया को अपना काम करना होता है और वे इस पर टिप्पणी करने के बजाय अपने काम- क्रिकेट खेलने पर ध्यान लगाएंगे।
बीसीसीआई ने कुंबले के शानदार रिकॉर्ड के बावजूद कोचों के आवेदन क्यों मंगाए, इस पर उन्होंने विस्तार से बात नहीं की। उन्होंने कहा कि मुझे यह समझ नहीं आता कि एक प्रक्रिया के बारे में इतनी अटकलें क्यों हैं, मैं इस बारे में नहीं जानता, मैं जानना भी नहीं चाहता। जब एक इतना अहम टूर्नामेंट चल रहा है, जिस पर सभी की नजरें लगी हैं तब काफी लोग टूर्नामेंट से पहले अफवाहें ढूंढ रहे हैं। वे अपना काम करने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे हैं, हम अपनी आजीविका पर ध्यान लगाएंगे।
कोहली ने कहा कि लेकिन मैं एक चीज कहना चाहूंगा कि जब तक आप किसी चीज का हिस्सा नहीं हो, मुझे नहीं लगता कि उन्हें अटकलें लगानी चाहिए और फैसला करना चाहिए। मैदानी दबाव से निपटने के सवाल में कोहली ने कहा कि जब वे मैदान पर होते हैं तो पूरी तरह से बदल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि जब आप सोच रहे होते हैं, आपको इससे निपटना होता है। जब मैं नहीं सोचता तो मैं आराम से काम करता हूं। मैं हर समय खुद को दबाव में नहीं रखता। मैं जब कप्तान भी नहीं था, तब भी गैर जिम्मेदारी से नहीं खेला। मुझे नहीं लगता कि मुझे कप्तान के तौर पर कुछ अतिरिक्त करना पड़ा। पाकिस्तान के खिलाफ मैच को उन्होंने एक अन्य मैच की तरह करार दिया। कोहली ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी टीम सिर्फ एक ही मैच पर ध्यान लगाती है। हम प्रत्येक मैच में एक ही मानसिकता के साथ उतरते हैं कि हम भारत के लिये खेलते हैं और इसमें कभी भी कोई बदलाव नहीं होता। (भाषा)