शास्त्री को मिलेगी सहवाग से चुनौती

रविवार, 9 जुलाई 2017 (18:10 IST)
मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच का फैसला होने में 24 घंटे का समय शेष रह गया है और टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री का इस पद के लिए पलड़ा भारी माना जा रहा है लेकिन उन्हें पूर्व दिग्गज ओपनर वीरेंदर सहवाग से कड़ी चुनौती मिल सकती है।  
          
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को मुख्य कोच के पद के लिए अब तक 10 आवेदन मिले हैं। रवि शास्त्री, वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस, डोडा गणेश, लालचंद राजपूत, लांस क्लूजनर, राकेश शर्मा (ओमान राष्ट्रीय टीम कोच), फिल सिमंस और उपेंद्र ब्रह्मचारी (इंजीनियर, क्रिकेट की पृष्टभूमि नहीं) ने इस पद के लिए आवेदन किया है। नए कोच से दो साल का अनुबंध भी किया जाएगा जो 2019 विश्व कप तक के लिए होगा। 
           
अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद यह पद रिक्त हुआ है। पहले कुंबले ने भी इस पद के लिए आवेदन किया था लेकिन बाद में उन्होंने एक पत्र में कप्तान विराट कोहली के साथ संबंधों में खटास जाहिर कर खुद को इस दौड़ से हटा लिया था। 
          
बोर्ड ने इसके बाद आवेदन स्वीकार करने की तारीख रविवार नौ जुलाई तक बढ़ा दी थी। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना ने कहा था कि टीम इंडिया को 26 जुलाई से उसका श्रीलंका दौरा शुरू होने से पहले नया कोच मिल जाएगा। 
         
लोढा सुधारों पर विशेष समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के लिये भारतीय क्रिकेट बोर्ड की विशेष आम बैठक (एसजीएम) मंगलवार को दिल्ली में आयोजित की जायेगी लेकिन इससे एक दिन पहले कोच का साक्षात्कार  मुंबई में हो जाएगा।
          
सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय सलाहकार समिति शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों का इंटरव्यू करेगी। समझा जाता है कि छह उम्मीदवारों सहवाग, पायबस, राजपूत, शास्त्री, सिमंस और मूडी का इंटरव्यू किया जाएगा और इस बात की पूरी सम्भावना है कि शास्त्री के नाम पर मोहर लग जाएगी और नए कोच की घोषणा सोमवार शाम तक हो जाएगी। 
          
कोच के चयन के लिए इंटरव्यू की शुरुआत एक बजे होगी। हालांकि इसे साढ़े 12 बजे से होना था लेकिन इस समय लंदन में मौजूद सचिन ने लंदन समय के हिसाब से सुबह 8.30 बजे का आग्रह किया था। 
          
समझा जाता है कि बोर्ड की तरफ से समिति को स्पष्ट संदेश है कि कोच वही चुना जाना चाहिए, जिसके साथ काम करते हुए कप्तान और टीम को कोई परेशानी न महसूस हो। शास्त्री के कप्तान विराट के साथ मधुर संबंधों को देखते हुए शास्त्री की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। 
 
शुरुआत में शास्त्री ने इस पद के लिए आवेदन नहीं किया था, लेकिन जब बीसीसीआई ने आवेदन स्वीकार करने की तारीख 9 जुलाई तक बढ़ा दी, तो उन्होंने भी इस पद के लिए आवेदन कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। 
शास्त्री की राह में यदि कोई बाधा होती है तो वह पूर्व कप्तान गांगुली हो सकते हैं जिनके साथ शास्त्री का दूर का फासला है। 
                
यह भी दिलचस्प है की सहवाग को बोर्ड सदस्यों ने आवेदन करने को कहा था, जिससे नजफगढ़ के नवाब की दावेदारी को भी एकदम खारिज नहीं किया जा सकता। सहवाग के पास कोचिंग का कोई तजुर्बा नहीं है लेकिन वह आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब टीम के मेंटर रहे हैं। बल्लेबाजी में मस्तमौला स्वभाव के सहवाग का कोचिंग अंदाज भी मस्तमौला हो सकता है। 
               
अगर समिति ने कुंबले के साथ टीम के ख़राब अनुभव को देखते भारतीयों को खारिज किया तो बाजी  मूडी के पक्ष में जा सकती है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सफल कोच माने जाते हैं। (वार्ता)

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