नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के सहयोगी स्टाफ पर एंटीगा में महिला होटल कर्मचारी ने अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया था और बीसीसीआई ने इसे गलत पहचान का मामला बताते हुए खारिज कर दिया लेकिन इसका जिक्र तत्कालीन प्रशासनिक मैनेजर की बोर्ड से बातचीत में किया गया था।
पूर्व टीम मैनेजर सुनील सुब्रमण्यम ने दावा किया था कि पिछले महीने वेस्टइंडीज के दौरे के दौरान टीम एंटीगा में 22 से 26 अगस्त तक हुए टेस्ट के मौके पर बेहद मुश्किल स्थिति में फंस गई थी। प्रशासकों की समिति (सीओए) को 25 सितंबर को भेजे गए ई-मेल में सुब्रमण्यम ने पहले इस घटना की शिकायत की और फिर इस दावे को वापस ले लिया लेकिन इस सुझाव के साथ की कि सहयोगी स्टाफ के आरोपी सदस्य से बातचीत की जाएगी।
बीसीसीआई के अधिकारी ने पहले स्वीकार किया कि टीम होटल में यह घटना हुई थी लेकिन अब कहा कि यह गलत पहचान का मामला था और एंटीगा पुलिस द्वारा की गई जांच में सहयोगी स्टाफ सदस्य दोषी नहीं पाया गया था।
बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि जांच पूरी होने के बाद पता चला कि यह गलत पहचान का मामला था। जिस स्टाफ के साथ यह कथित दुर्व्यवहार हुआ था, उसे सभी सहयोगी स्टाफ के सदस्यों की फोटो दिखाई गई लेकिन वह किसी को भी पहचान नहीं सकी।
उन्होंने कहा कि साथ ही जिस कमरे का नंबर बताया गया था, वह भारतीय दल के किसी भी सदस्य का नहीं था। सुब्रमण्यम का कार्यकाल वेस्टइंडीज दौरे के दौरान भारतीय उच्चायोग के शीर्ष अधिकारियों के साथ गलत व्यवहार के आरोप के बाद समाप्त हो गया था।
सीओए को पहले भेजे गए मेल में सुब्रमण्यम ने आरोप लगाया था कि इस मामले को दबा दिया गया था और जांच में पुष्टि हुई थी कि जूनियर सदस्य दोषी था। सुब्रमण्यम ने उस पत्र को वापस ले लिया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि संबंधित सदस्य अब भी भारतीय टीम का हिस्सा है।
उन्होंने मेल में लिखा था कि होटल प्रबंधन, एंटीगा पुलिस, क्रिकेट वेस्टंडीज के रोलैंड होल्डर की जांच के अलावा मैंने टीम सुरक्षा मैनेजर और लॉजिस्टिक मैनेजर के साथ पुष्टि की थी कि यह सहयोगी स्टाफ का सदस्य ही था। बाद में अपने शिकायत को वापस लेते हुए लिखे दूसरे मेल में सुब्रमण्यम ने लिखा कि मेरी इच्छा किसी पर व्यक्तिगत रूप हमला करने की नहीं है। जहां तक सहयोगी स्टाफ की नासमझी का संबंध है तो बेहतर यही होगा कि उससे बात की जाए कि इस तरह की नासमझी भविष्य में नहीं की जाए।