चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम जल्द करो घोषित : सीओए

गुरुवार, 4 मई 2017 (19:26 IST)
नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को पत्र लिखकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम घोषित करने के निर्देश दिए हैं।
 
सीओए ने बीसीसीआई के सचिव अमिताभ चौधरी को पत्र लिखकर जल्द से जल्द भारतीय टीम घोषित करने के लिए कहा है। बीसीसीआई पहले ही आईसीसी को अपनी टीम घोषित करने की 25 अप्रैल की समयसीमा पार कर चुका है। सीओए ने साथ ही अपने पत्र में चौधरी से अब तक टीम की घोषणा नहीं करने का कारण भी पूछा है। 
 
सीओए ने इससे एक दिन पहले बीसीसीआई को पत्र लिखकर आईसीसी के मामले में कोई कड़ा कदम नहीं उठाने की हिदायत दी थी। प्रशासकों की समिति का इशारा दरअसल चैंपियंस ट्रॉफी से भारत के नाम वापिस लेने के संदर्भ में था। ऐसा माना जा रहा है कि आईसीसी में वित्तीय मॉडल के खिलाफ खड़े भारत के हक में वोट नहीं पड़ने के बाद विरोध स्वरूप बीसीसीआई जून में इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से हटने पर विचार कर रहा है।
 
सीओए ने अपने पत्र में दुबई में हुई आईसीसी की बोर्ड बैठक में राजस्व वितरण मॉडल को लेकर बीसीसीआई का पक्ष रखने के संबंध में भी पूछा है। सीओए ने पहले भी संकेत दिए हैं कि भारत को आईसीसी के इस बड़े टूर्नामेंट से हटना नहीं चाहिए। सीओए ने चौधरी को भेजे अपने पत्र में लिखा कि यह अच्छा होगा कि भारत आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में अपने खिताब का बचाव कर सके और इसके लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएं।
 
प्रशासकों की समिति ने कहा कि आप जानते हैं कि टूर्नामेंट के लिए टीम की घोषणा की आखिरी तारीख 25 अप्रैल थी लेकिन अब तक भारतीय टीम का चयन नहीं हुआ है। कृपया आप चयन समिति की बैठक को तुरंत बुलाएं ताकि टीम की घोषणा जल्द की जा सके। इसके बाद आईसीसी में टीम भेजी जा सकती है।
 
सीओए ने साथ ही पदाधिकारियों को कहा कि टूर्नामेंट से बाहर निकलने पर विचार से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम को हमारी क्रिकेट को दिखाने के लिए समर्थन देने की जरूरत है बजाय इसके कि इसे लेकर अनिश्चितता और दुविधा पैदा की जाए। पहले ही चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने को लेकर नकारात्मक माहौल बन गया है ऐसे में टीम जल्द घोषित कर इस विवाद को समाप्त करना चाहिए।
 
सीओए ने बीसीसीआई के पदाधिकारियों और राज्य क्रिकेट संघों से कहा कि खिलाड़ियों का हित सर्वोपरि है और उसे ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर होना चाहिए और इससे ही हम अधिक राजस्व पैदा कर पाएंगे। भारत की मौजूदा स्थिति सहमति से बनी है, न कि विवादों से।
 
सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति ने साथ ही कहा कि एसजीएम से पहले यदि आईसीसी को नोटिस जारी करने का मामला बनता है तो सीओए उस पर एसजीएम के बाद ही विचार करेगा। लेकिन यह फैसला पूरी प्रक्रिया और सही मंच पर लिया जाना चाहिए, जो एसजीएम है। (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें