लखनऊ। दीपावली की पूर्व संध्या पर भारत-विंडीज ट्वंटी-20 मैच में चौके-छक्कों की आतिशबाजी का नजारा देखने इकाना स्टेडियम का रुख करने वाले दर्शकों को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अनूठे प्रयोग के चलते निराशा भी हाथ लग सकती है।
अवधी शिल्पकला के बेहतरीन नमूने के तौर पर 50,000 दर्शकों की क्षमता वाला इकाना मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी के साथ पदार्पण करेगा। उत्तरप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के इस स्टेडियम में बीसीसीआई ने आउटफील्ड और पिच में महाराष्ट्र और ओडिशा की मिट्टी का प्रयोग किया गया है। इसके पीछे बीसीसीआई का तर्क है कि यह एक अभिनव प्रयोग है और अगर यह सफल होता है तो इसे देश के अन्य स्टेडियमों में भी अमल में लाया जाएगा।
पिच मामलों के जानकार हालांकि इसे फटाफट क्रिकेट के लिहाज से उचित नहीं मानते। उनका मानना है कि टी-20 में लोग बल्ले से रन निकलते देखने के लिए ही आते हैं और अगर मैच में रन नहीं बरसते हैं तो इसका प्रतिकूल असर नए-नवेले स्टेडियम की प्रतिष्ठा पर पड़ सकता है।
सूत्रों ने बताया कि इकाना स्टेडियम में कुल 9 पिचों में 5 मुंबई के कल्याण से लाई गई लाल मिट्टी से बनाई गई है जबकि 4 पिचें ओडिशा के आदिवासी क्षेत्र की काली मिट्टी से निर्मित हैं। जानकारों का मानना है कि संभवत: यह मैच काली मिट्टी से बनी 6 नंबर पिच पर खेला जाएगा। पिच पर उछाल तो भरपूर होने के आसार हैं, मगर गेंद बल्ले पर धीमी गति से आ सकती है जिससे बल्लेबाज को बड़े शॉट बनाने में मुश्किल होगी। अगर ऐसे हालात बनते हैं, तो कोलकाता की तरह यह मैच भी लो स्कोरिंग हो सकता है।
बीसीसीआई के चीफ पिच क्यूरेटर दलजीत सिंह हालांकि इस बात से इत्तफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि बेशक पिच में नया प्रयोग किया गया है लेकिन हमने गुड प्लेइंग कंडीशन को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है। यह एक अभिनव प्रयोग है जिसमें सफलता मिलने की शत-प्रतिशत उम्मीद है। अगर यह प्रयोग सफल होता है तो देश के बाकी स्टेडियम में इसे अमल में लाया जाएगा।