इंदौर। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे वनडे मैच में एमएस धोनी का दीवानापन देखने को मिला। टीम के कप्तान भले ही विराट कोहली हैं, लेकिन होलकर स्टेडियम में सबसे ज्यादा गूंज धोनी की ही सुनाई दे रही थी। करीब 27 हजार 900 दर्शक क्षमता वाले स्टेडियम में न जाने कितनी बार क्रिकेट प्रेमियों ने 'धोनी... धोनी' के नाम की माला जपी...
भारतीय कप्तान कोहली सिक्के की उछाल में बाजी हार बैठे थे और जब मैदान में दोनों टीमें पहुंची, तब दर्शक धोनी के नाम को लेकर उनकी हौसला अफजाई करते रहे। जब वे विकेटकीपिंग कर रहे थे, तब भी क्रिकेट के दीवाने धोनी को पुकारते रहे।
जब भारतीय टीम बल्लेबाजी करने के लिए आई तब विराट कोहली से कहीं ज्यादा स्वागत एमएस धोनी का हुआ। धोनी इस मैच में मनीष पांडे के बाद सातवें नंबर पर तब बल्लेबाजी करने आए। जब तीसरे वनडे मैच की जीत से भारत केवल 11 रन दूर था दर्शक चाहते थे कि धोनी छक्का लगाएं और भारत को जीत दिलाए लेकिन 'मिस्टर कूल' ने ज्यादा स्ट्राइक मनीष को दी।
ये बात तो बिलकुल तय है कि भारतीय क्रिकेट में धोनी की धमक बरकरार है। यही नहीं, यह भी देखने को मिला कि कप्तान विराट कोहली तीसरे वनडे मैच में क्षेत्ररक्षण की जमावट नहीं कर रहे थे बल्कि विकेट के पीछे से धोनी ही फील्ड सजा रहे थे।
धोनी के टीम इंडिया में वर्चस्व को साफ देखा जा सकता है। अच्छी बात तो यह भी है कि केवल खिलाड़ी ही नहीं बल्कि खुद विराट कोहली भी धोनी को अपना कप्तान मानते हैं। भारत ने यदि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये सीरीज जीती है तो इसके सही हकदार एमएस धोनी ही हैं।
समय से साथ विराट ने भी अपने व्यवहार में खासा बदलाव लाया है। जो विराट आईपीएल में खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन पर अपशब्द तक बोल देते थे, मीडिया के साथ कभी सीधे मुंह बात नहीं करते थे, दर्शकों की प्रतिक्रिया पर नाराज हो जाते थे, वे विराट अब कहीं गुम हो गए हैं। तीसरे वन-डे में पैवेलियन के समीप क्षेत्ररक्षण करते वक्त कई मर्तबा उन्होंने दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया और उन्हें सलाम भी ठोंका।
इंदौर विराट के लिए भाग्यशाली रहा है। इसी होलकर स्टेडियम पर उनकी कप्तान में भारत ने न्यूजीलैड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने 200 रन बनाए थे। 24 सितम्बर के दिन विराट की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर सीरीज पर कब्जा जमाया। ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 293 रन बनाए थे। भारत ने 47.5 ओवर में 5 विकेट खोकर 294 रन बना डाले...
भारत की जीत का श्रेय हार्दिक पांड्या (78), रोहित शर्मा (71) और अजिंक्य रहाणे (70) की बल्लेबाजी को देने के साथ ही साथ टीम के अघोषित कप्तान एमएस धोनी को भी दिया जाना चाहिए, जिन्होंने इस सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 'गेम प्लान' किया था। यह उनके लंबे अनुभव का ही परिणाम है कि भारत लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन करता जा रहा है...।