भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के आचरण अधिकारी न्यायमूर्ति विनीत सरन ने मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (MPCA) के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत खारिज कर दी है। आचरण अधिकारी ने शिकायतकर्ता को यह आदेश भी दिया है कि वह 30 दिन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 1,000 रुपये जमा कराए।
मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (MPCA) के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति सरन ने पंडित के खिलाफ संजीव गुप्ता नामक व्यक्ति की वर्ष 2023 में दायर शिकायत दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर के बाद बुधवार को खारिज की।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पंडित एमपीसीए और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में कोच की भूमिका एक साथ अदा कर रहे थे जिससे कथित तौर पर हितों का टकराव पैदा हुआ।BCCI के आचरण अधिकारी ने एमपीसीए और केकेआर के साथ पंडित के संबंधित अनुबंधों की अवधि और अन्य तथ्यों की रोशनी में गुप्ता की शिकायत खारिज कर दी और कहा कि 62 वर्षीय कोच के खिलाफ हितों के टकराव का कोई मामला नहीं बनता है।
न्यायमूर्ति सरन ने अपने आदेश में कहा कि गुप्ता ने एक बार अपनी शिकायत वापस लेने के बाद बिना किसी अनुमति के दूसरी बार समान शिकायत दायर की और प्रक्रियात्मक लिहाज से अनैतिक कृत्य किया।
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आदेश में यह भी कहा गया कि प्रतिवादी (पंडित) की इस दलील में दम है कि बीसीसीआई के नियम 38 (हितों का टकराव) के अत्यंत सख्त और शब्दश: इस्तेमाल से भारतीय कोचों के साथ घोर भेदभाव होगा क्योंकि उन्हें केवल इस आधार पर आईपीएल में अवसरों से वंचित कर दिया जाएगा कि वे बीसीसीआई से सम्बद्ध किसी राज्य क्रिकेट संघ के कोच हैं, नतीजतन विदेशी कोचों को फायदा होगा।
आदेश में कहा गया कि इस स्थिति के कारण राज्यों के क्रिकेट संघ भी बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि खेल के ऑफ-सीजन में मौके गंवाने की सूरत में कुशल और प्रतिभावान कोच इन संघों से जुड़ने में परहेज कर सकते हैं।(भाषा)