एमएस धोनी बोले, कप्तानी छोड़ी है, मैदान में डटा रहूंगा
बुधवार, 4 जनवरी 2017 (23:30 IST)
नई दिल्ली। भारत के सबसे सफल और विश्व कप विजेता कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने वनडे और टी-20 टीमों की कप्तानी छोड़ दी है लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ इसी महीने दोनों फार्मेट में होने वाली सीरीज में खिलाड़ी के रूप में खेलने के लिए वे उपलब्ध रहेंगे।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार रात यह जानकारी दी। बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर बताया कि धोनी ने बोर्ड को सूचित किया है कि वे वनडे और टी-20 फार्मेट के लिए भारतीय टीमों के कप्तान पद से हट रहे हैं। धोनी ने यह भी कहा कि वे इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए उपलब्ध रहेंगे। यह बात बीसीसीआई की सीनियर चयन समिति को प्रेषित कर दी गई है। इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीमों का चयन शुक्रवार को होना है। यह सीरीज 15 जनवरी से एक फरवरी तक खेली जाएगी।
टेस्ट कप्तानी काफी पहले ही छोड़ चुके धोनी ने नए साल में सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़कर सबको चौंका दिया। बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी राहुल जौहरी ने धोनी के कप्तानी छोड़ने की जानकारी देते हुए एक बयान में कहा, हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक और बीसीसीआई की तरफ से मैं एमएस धोनी को सभी फार्मेट में भारतीय कप्तान के रूप में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए धन्यवाद देता हूं।
जौहरी ने कहा, धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ और उनकी उपलब्धियां भारतीय क्रिकेट में स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेंगी। धोनी के सीमित ओवरों की कप्तानी से हटने का मतलब है कि टेस्ट कप्तान विराट कोहली शुक्रवार को नए भारतीय वनडे और टी-20 कप्तान भी बन जाएंगे।
35 वर्षीय धोनी ने सीमित ओवरों की कप्तानी तो छोड़ दी है लेकिन वे दोनों फार्मेट में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे। धोनी ने 283 वनडे में 9110 रन बनाए हैं और विकेट के पीछे 359 शिकार किए हैं। उन्होंने 73 टी-20 मैचों में 1112 रन बनाए हैं और विकेट के पीछे 63 शिकार किए हैं।
भारत के सबसे सफल कप्तान धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को 2011 में 28 साल के अंतराल के बाद विश्व कप जिताया था। भारत ने धोनी की कप्तानी में 2007 में पहला टी-20 विश्व कप भी जीता था।
कप्तान के रूप में धोनी अब वनडे में 199 पर नॉटआउट रह जाएंगे। धोनी ने 199 मैचों में भारत का नेतृत्व किया जिनमें से उन्होंने 110 जीते, 74 हारे, चार टाई रहे और 11 में कोई परिणाम नहीं निकला। धोनी के बाद देश के दूसरे सबसे सफल कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन हैं जिन्होंने 174 मैचों में 90 मैच जीते। टी-20 में धोनी ने 72 मैचों में भारत की कपतानी की जिनमें से उन्होंने 41 जीते, 28 हारे, एक टाई रहा और दो में कोई परिणाम नहीं निकला।
अपनी शांत कप्तानी के लिए 'मिस्टर कूल' के नाम से प्रसिद्ध धोनी ने पहली बार 2007 में भारत की कप्तानी टी-20 विश्वकप के लिए संभाली थी और उन्होंने भारत को विश्व चैंपियन भी बनाया। एक दिवसीय मैचों में इसी साल उन्हें कप्तान बनाया गया और उन्होंने चार साल बाद 2011 में भारत को विश्व चैंपियन बना दिया।
झारखंड के धोनी का शुमार दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में होता है। उन्होंने दिसंबर 2014 में मेलबर्न टेस्ट के बाद कप्तानी छोड़ दी थी और खेल के बड़े प्रारूप से संन्यास ले लिया था लेकिन इसके बाद वे वनडे और टी-20 के कप्तान बने रहे। उनके नेतृत्व में भारत 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए एकदिवसीय विश्व कप के सेमीफाइनल में और 2016 में अपनी मेजबानी में हुए टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचा।
करिश्माई कप्तानी के लिए मशहूर धोनी को पिछले कुछ समय में छोटे फार्मेट में अपनी कप्तानी को लेकर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा था और कई पूर्व क्रिकेटरों ने विराट को तीनों फार्मेट का कप्तान बनाने की मांग भी उठाई थी। धोनी हाल में झारखंड की रणजी टीम के लिए मेंटर की भूमिका भी निभा रहे थे लेकिन उन्होंने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया था कि वह नए साल में कोई चौंकाने वाला फैसला करने वाले हैं।
धोनी से जब पिछले वर्ष 2019 विश्वकप में कप्तानी के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया था। लगता है कि वे अब खिलाड़ी के रूप में खेल का आनंद उठाना चाहते हैं। वनडे कप्तानी में वे दोहरा शतक पूरा करने से एक मैच दूर रह गए। उनसे आगे न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग ने 218 मैचों और ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोटिंग ने 230 मैचों में कप्तानी की है।
टी-20 फार्मेट में अभी तक उनके नाम सबसे ज्यादा 72 मैचों में कप्तानी करने का रिकॉर्ड है। उनके बाद आयरलैंड के विलियम पोर्टरफील्ड आते हैं जिन्होंने 49 मैचों में कप्तानी की है। धोनी के कप्तानी छोड़ने से भारतीय क्रिकेट में कप्तानी का एक सुनहरा समय गुजर गया लेकिन क्रिकेट प्रेमी उम्मीद करेंगे कि धोनी विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में भारतीय टीम में अगले विश्वकप तक डटे रहेंगे। (वार्ता)