नई दिल्ली। भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा की बल्लेबाजी को देखते हुए भले ही लगे कि वे कितनी सहजता से खेल रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि चोट के कारण 6 महीने क्रिकेट से दूर रहने के बाद वापसी करना इतना आसान नहीं होता।
रोहित चोट के कारण (अक्टूबर 2016 से अप्रैल 2017 तक) 6 महीने तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहे थे लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान वनडे में वापसी के बाद वे 10 मैचों में कुछ अर्द्धशतकों के अलावा 3 शतक भी जड़ चुके हैं।
उन्होंने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि वापसी करना बिलकुल भी आसान नहीं होता। बड़ी सर्जरी के बाद सबसे मुश्किल काम अपने अंदर के भय को जीतना होता है। यह सब दिमागी होता है। मेरी बल्लेबाजी भले ही देखने में आसान दिखती हो लेकिन यह इतना आसान नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि दौड़ने के लिए स्ट्रेच करते हुए या स्पिनर का सामना करते हुए उन्हें यह डर लगा कि वे चोटिल हो सकते हैं? तो इस पर रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा कि मेरे लिए सबसे अच्छी चीज यह रही कि जैसे ही मैंने अपना रिहैबिलिटेशन पूरा किया तो आईपीएल शुरू हो गया।
उन्होंने कहा कि मुंबई इंडियंस की कप्तानी करते हुए और मैदान पर फैसले लेते हुए मुझे याद ही नहीं रहा कि मैं सोचूं कि अगर मैं चोटिल हो गया तो क्या होगा? रोहित ने कहा कि और जब मैं भारत के लिए खेल रहा था तो बल्लेबाजी करते हुए मुझे कोई विचार नहीं आते। नकारात्मक बातों का कोई स्थान नहीं होता। (भाषा)