सचिन तेंदुलकर दिखाई दिए नए 'अवतार' में

Webdunia
मंगलवार, 21 नवंबर 2017 (01:11 IST)
नई दिल्ली। भारत में 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर आज एक नए अवतार में नज़र आए और उन्होंने अपना दिन विशेष बच्चों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा कर तथा उनके साथ क्रिकेट मैच खेलकर बिताया। 
        
राजधानी के त्यागराज स्पोर्ट्स काम्पलैक्स में जमा हुए सैंकड़ों विशेष बच्चों के लिए सोमवार का दिन उनके जीवन का सबसे यादगार दिन बन गया जहां उन्होंने सचिन के साथ रूबरू होकर अपने मन की बात की। सचिन भी लगातार इन बच्चों के साथ जुड़े रहे और उन्हें कुछ न कुछ बताते रहे। 
        
यूनीसेफ के ब्रांड एम्बेसेडर सचिन ने विशेष तथा अन्य बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने और कुछ बनने के लिए मूलमंत्र देते हुए कहा 'मैं भी बचपन में शरारती था लेकिन एक समय पर मैंने अपने लिए लक्ष्य तय किए और उन्हें हासिल करने के लिए जी-जान से जुट गया। मेरी शरारतें पीछे छूटती गईं और मैं अनुशासित होता चला गया।'
        
क्रिकेट लीजेंड ने कहा 'मेरा एक सपना था कि मैं भारत के लिए क्रिकेट खेलूं। मेरा यह सपना 16 साल की उम्र में पूरा हुआ, जिसके बाद मैं 24 साल तक क्रिकेट खेला। मेरे करियर में भी उतार चढ़ाव आए क्योंकि कोई भी खिलाड़ी जीवन के उतार-चढ़ाव से अछूता नहीं है। ऐसा प्रत्येक के करियर में होता है।'
 
43 वर्षीय सचिन ने बच्चों से कहा 'मैंने भी सपना देखा था कि मैं देश की विश्वकप जीतने वाली टीम का हिस्सा बनूं। वर्ष 2011 में मेरा यह सपना पूरा हो गया लेकिन यहां तक पहुंचने में 22 साल लगे। आप भी सपने देखा करो और जीवन में कभी घबराना नहीं। आपके सपने भी पूरे होंगे।'
 
सचिन ने माता-पिता को सलाह दी कि वे बच्चों पर करियर के लिए कोई दबाव न डालें। उन्होंने कहा 'मेरे पिता प्रोफेसर थे लेकिन उन्होंने मुझ पर लेखक बनने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया। उन्होंने मुझे क्रिकेट खेलने दिया, जिससे मैं आज यहां तक पहुंच पाया हूं।'
        
मास्टर ब्लास्टर ने बच्चों को जीवन का उपदेश देने के बाद त्यागराज काम्पलैक्स के इंडोर स्टेडियम में ही क्रिकेट मैच खेला। एकतरफ सचिन की टीम थी तो दूसरी ओर दूसरी टीम। सचिन ने अपनी टीम के लिए एक ओवर बल्लेबाजी भी की और खेल के दौरान वह खिलाड़ियों को कुछ न कुछ समझाते रहे। सचिन की टीम ने अंत में यह पांच पांच ओवर का मैच जीता।
        
मैच के बाद विशेष बच्चों ने सचिन के साथ सेल्फी खिंचवाने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर हर बच्चे की इच्छा पूरी की। एनजीओ शिखर की लड़कियों ने घेरा बनाकर सचिन के साथ फोटो खिंचवाई। इन लड़कियों ने कहा 'सचिन को अपने सामने देखने का हमारे लिए यह पहला अवसर था। हम सभी बहुत खुश हैं।'

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