नई दिल्ली। मंगलवार को यहां खेले गए पहले टी-20 मैच में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराकर 3 मैचों की टी-20 सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट पर 130 रन बनाए उसके बाद उसने 1 गेंद के बाकी रहते अफ्रीका को 119 रन पर ही ऑलआउट कर दिया था। इस मैच में शैफाली वर्मा ने अपने शानदार प्रदर्शन से मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ दिया है।
शैफाली वर्मा ने सबसे कम उम्र में टी-20 क्रिकेट में पदार्पण किया, पर वह अपने पहले ही मैच में खाता नहीं खोल पाई। सबसे कम उम्र (15 साल 239 दिन) में पदार्पण करने वाली शैफाली वर्मा खाता खोले बिना ही पैवेलियन लौट गई। सचिन तेंदुलकर ने 16 साल 238 दिन की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। सचिन को शैफाली अपना आदर्श भी मानती हैं और उन्हीं को देखकर ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था।
इसके साथ ही शैफाली भारत की सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में पदार्पण करने वाली खिलाड़ी बन गई हैं तथा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम उम्र में पदार्पण करने वालों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। शैफाली से पहले भारत की तरफ से बसे कम उम्र में पदार्पण करने वाली खिलाड़ी गार्गी बनर्जी हैं।
शैफाली ने कहा कि मैं सचिन सर को देखकर मैं प्रेरित हुई हूं। उनके अनुसार सचिन सर के प्रति दीवानगी को लेकर मैंने महसूस किया कि भारत में क्रिकेटर बनना कितनी बड़ी बात है विशेषकर तब जब आप सचिन सर जैसे पूजनीय हों।
शैफाली को अनुभवी खिलाड़ी मिताली राज के टी-20 में संन्यास लेने के बाद से टीम में मौका मिला है। 15 साल की शैफाली वर्मा ने कहा था कि जब उन्होंने पहली बार बल्ला पकड़ा था, तभी से वह राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना चाहती थीं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कहा था कि जब उन्होंने खेलना शुरू किया था तब मेरे पापा से लोग कुछ न कुछ बोलते थे लेकिन मेरे पापा मेरी हौसला अफजाई ही की तथा उन्होंने शुरुआत में मुझे ट्रेनिंग दी। यह मेरा और मेरे पापा दोनों का सपना था कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए खेलूं।