इंदौर। भारत और बांग्लादेश के बीच इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में स्टार स्पोर्ट्स के लिए कॉमेंट्री का माइक संभाल रहे भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने तीसरे सत्र में एक ऐसी भविष्यवाणी की, जो 1 सेकंड से भी कम समय में मैदान में सच साबित हो गई।
जो लोग उन्हें सुन रहे थे, वे कम से कम यह तो सोच ही रहे होंगे कि गावस्कर क्रिकेट की फील्ड के बजाय भविष्यफल बताते रहते तो इस फील्ड में भी उनका काफी नाम होता। असल में गावस्कर ने यह भविष्यवाणी मयंक अग्रवाल के संबंध में की थी।
मयंक अग्रवाल अच्छे खासे गेंद पर आंखें जमा चुके थे और बॉल भी उन्हें फुटबॉल नजर आ रही थी, क्योंकि वे 330 गेंदों पर 243 रनों के निजी स्कोर पर नाबाद थे। तभी गावस्कर ने कहा, 'मुझे लगता है कि ड्रेसिंग रूम से उन्हें संदेश मिला है, तेजी से खेलो...गावस्कर की कही बात को 1 सेकंड भी पूरा नहीं हुआ था कि मयंक अग्रवाल मेंहदी हसन की गेंद पर कैच आउट हो गए।
मयंक अग्रवाल ने छक्का लगाने का प्रयास किया, लेकिन अबु जायद ने उनका बेहद खूबसूरत कैच लपककर उनके तिहरा शतक लगाने की तमाम संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया। भारत के सलामी बल्लेबाज मयंक ने अपनी पारी में 28 चौकों के अलावा 8 छक्के भी लगाए।
70 बरस के सुनील गावस्कर ने क्रिकेट की दुनिया में बहुत लंबा वक्त गुजारा है। उन्होंने 6 मार्च 1971 को पहला टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ और आखिरी टेस्ट मैच 13 मार्च 1987 को पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में खेला था। गावस्कर ने 13 जुलाई 1974 को पहला वनडे मैच इंग्लैंड के खिलाफ और 5 नवंबर 1987 के दिन आखिरी वनडे भी इंग्लैंड के विरुद्ध ही खेला था।
गावस्कर ने टेस्ट मैच में 10 हजार 122 और वनडे में 3092 रन बनाए हैं। उनके टेस्ट रनों का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर ने ही इंदौर के नेहरू स्टेडियम में तोड़ा था।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वे क्रिकेट समीक्षक और क्रिकेट कॉमेंट्री एक्सपर्ट बन गए। पहले वे अंग्रेजी में ही कॉमेंट्री करते थे, लेकिन हिंदी कॉमेंट्री की लोकप्रियता के कारण वे हिंदी से भी जुड़ गए।
आज भी गावस्कर डॉट बॉल को हिंदी कॉमेंट्री में 'बिंदी गेंद' ही बोलते सुने जा सकते हैं। क्रिकेट में विशेषज्ञता का लोहा आज मान लिया गया, मयंक अग्रवाल 243 रनों पर आउट हो गए...