सिडनी। आल राउंडर क्रुणाल पंड्या ने शुरुआती मुकाबले में काफी रन लुटाए लेकिन रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला बराबर करने में भारत की मदद की, लेकिन उनका कहना है कि ब्रिसबेन में खराब प्रदर्शन के बाद खुद को प्रेरित करना बहुत मुश्किल था कि वह इस बड़े स्तर के लायक हो।
क्रुणाल ने कहा कि पहले टी-20 मैच में खराब प्रदर्शन के बाद वह काफी हतोत्साहित हो गए थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर प्रदर्शन के लिए उन्हें बेहतरीन करने की जरूरत थी।
उन्होंने 36 रन देकर चार विकेट झटककर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया को अंतिम टी-20 मैच में छह विकेट से पराजित कर तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर की।
क्रुणाल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘जब आप पहला मैच ऑस्ट्रेलिया में खेलते हो तो यह बहुत मुश्किल तो होता ही और ऊपर से आप चार ओवर में 53 रन गंवा दो तो यह अधिक कठिन हो जाता है। इसलिए इससे वापसी करना आसान नहीं था। मुझे खुद का मनोबल बढ़ाने में थोड़ा समय लगा, विशेषकर जब आपने इस स्तर पर कोई मैच नहीं खेला हो।’
उन्होंने कहा, ‘ब्रिसबेन में 50 से ज्यादा रन गंवाना मेरे लिए काफी कठिन था और मेरे लिए अगले 24 घंटे काफी मुश्किल थे। मुझे खुद को प्रेरित करना पड़ा। जब मैं मेलबर्न में दूसरा मैच खेला तो मैं अपनी योजना को लेकर काफी स्पष्ट था कि मुझे क्या करना है।’
क्रुणाल ने कहा, ‘जब आप इस तरह वापसी करते हो तो यह काफी संतोषजनक होता है। आपने एक दिन खराब प्रदर्शन किया और फिर उसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ आप अच्छा करते हो तो इस संतोष और खुशी मिलती है और साथ ही यह निश्चित होता है कि आप इस स्तर के लायक हो।’ (भाषा)