मनमुटाव की खबरें छुपाए नहीं छुपती हैं। फिर चाहे वह राजनीति हो, बॉलीवुड हो या फिर क्रिकेट। मीडिया को खबरें सूंघ ही लेती है। पूर्व कप्तान विराट कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीच दिसंबर जनवरी में क्या हुआ जग जाहिर है।
ऐसे में विराट कोहली का सौरव गांगुली को उनके 50वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं ना भेजना यह साफ संकेत देता है कि दोनों के बीच में अब भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। जबकि विराट कोहली ने 1 दिन पहले ही (7 जून को) महेंद्र सिंह धोनी को जन्मदिन की शुभकामनाएं ट्विटर पर भेजी थी।
हालांकि आज उनकी टाइमलाइन से सौरव गांगुली के लिए कोई भी मुबारकबाद नहीं निकली। यह बात सही है कि वह गांगुली की कप्तानी में नहीं खेले लेकिन उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को टीम में मौका सौरव गांगुली ने ही दिया था।
यह था विवाद
पिछले साल हुए टी-20 वर्ल्ड कप शुरू होने के पहले विराट ने बता दिया कि वे अब टी-20 की कप्तान नहीं करेंगे। जब वे आईपीएल में आरसीबी की कप्तानी छोड़ चुके थे तो किस मुंह से देश की टीम का नेतृत्व करते। यहीं पर गांगुली को विराट पर दबाव बनाने का भी मौका मिला गया। उन्होंने विराट से वनडे कप्तानी भी छीन ली। फॉर्मूला दे दिया कि सफेद गेंद का कप्तान अलग और लाल गेंद का कप्तान अलग होना चाहिए। ये बात सही थी, लेकिन विराट इससे बड़े आहत हुए। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि उनसे वनडे में कप्तानी छिन ली गई जबकि गांगुली के सुर अलग थे। तभी इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि विराट और गांगुली का तालमेल नहीं बन रहा है।