भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने अपने कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई कोष से दो करोड़ 90 लाख रुपए का गबन किया।
बीसीसीआई के मार्च 2006 में दायर मामले पर कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पाया कि डालमिया ने कानूनी शुल्क के लिए जमा राशि को अन्य खर्चों में व्यय किया, जिनमें उनके व्यक्तिगत फोन बिल का भुगतान भी शामिल है।
पुलिस संयुक्त आयुक्त (अपराध) राकेश मारिया ने कहा कि भारतीय कर विभाग ने लंदन से चलाए जा रहे पिलकाम खाते पर 64 मामले दर्ज किए हैं। पिलकाम पाकिस्तान, भारत और श्रीलंका में 1996 में आयोजित विश्वकप की संयुक्त आयोजन समिति थी।
उन्होंने कहा कि अपराध शाखा अब बुधवार को स्थानीय अदालत में डालमिया, गौतम दत्ता और केएम चौधरी के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल करेगी।
मारिया ने कहा कि इन तीनों पर बेईमानी, विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप दर्ज किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में जाँच अभी जारी है और संभावना है कि आरोप-पत्र में कुछ और लोगों के नाम जुड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि कानूनी मामलों के खर्चे के लिए छह खाते खोले गए थे और इसमें से कोलकाता में केवल एक खाता खोला गया, जिसमें छह करोड़ 92 लाख रुपए जमा किए गए थे।
मारिया ने कहा कि दस साल से अधिक साल तक बीसीसीआई अध्यक्ष रहे डालमिया ने फोन बिल, होटल बिल, कार का किराया तथा विदेशी विनिमय और स्टेशनरी की खरीदारी में राशि की हेराफेरी की।
उन्होंने कहा कि दो करोड़ 90 लाख रुपए में से 85 लाख रुपए तो केवल फोन बिल के ही चुकाए गए। डालमिया ने अपने व्यक्तिगत फोन बिल भी इससे चुकता किए। इनमें से उनकी माँ के नाम पर दर्ज एक फोन तथा उनकी तीन कंपनियों के फोन शामिल हैं।
मारिया ने कहा कि कार के किरायों की जाँच से पुलिस को पता चला कि बीसीसीआई ने जिन कारों के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए थे, वह वास्तव में ट्रक और मोटरसाइकिल के नंबर थे।
उन्होंने कहा कि डालमिया के अनुसार खाते में जमा धनराशि का अन्य खर्चों में उपयोग करने के लिए अनिवार्य प्रस्ताव पास किया गया, लेकिन वह जरूरी कागजात पेश नहीं कर पाए। इसके अलावा डालमिया के सचिव केएम चौधरी भी उस खाते को चला रहे थे, जिसे केवल डालमिया संचालित कर सकते थे।
विरोधियों की पुरानी चाल : बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख जगमोहन डालमिया ने मुंबई पुलिस के उनके खिलाफ अरोप पत्र दाखिल करने के कदम को अपने विरोधियों की पुरानी चाल बताया। बंगाल क्रिकेट संघ की पिछले माह हुई आम सभा की विशेष बैठक में अपनी उपस्थिति के संदर्भ में डालमिया ने कहा कि क्रिकेट की राजनीति में जब भी कुछ होता है, वे ऐसा ही कदम उठाकर मुझसे हिसाब चुकता करते हैं।
डालमिया से निजी दुश्मनी नहीं : बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने साफ किया कि उनके पूर्ववर्ती डालमिया के खिलाफ कोष में हेराफेरी का आरोप किसी निजी दुश्मनी के कारण नहीं लगाया गया। मुझे लगता है कि नैतिकता और विचारों में भिन्नता हो सकती है, लेकिन इसे कभी निजी तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए।