टेस्ट क्रिकेट में भारत की सबसे बड़ी जीत

रविवार, 3 जून 2007 (11:43 IST)
भारत ने बल्लेबाजों के बाद अपने गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन से पिछले कई हिसाब एक साथ चुकता करते हुए बांग्लादेश को दूसरे और आखिरी टेस्ट में मात्र तीन दिन के अंदर रविवार को एक पारी और 239 रन से रौंदकर अपने क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की और इसके साथ ही बांग्लादेश के खिलाफ सिरीज जीतने की हैट्रिक पूरी कर ली। जहीर खान को 'मैन ऑफ द मैच' और सचिन तेंडुलकर को 'मैन ऑफ द सिरीज' घोषित किया गया।

भारत ने दो टेस्टों की सिरीज 1-0 से जीती। इससे पहले भारत ने बांग्लादेश के पिछले दो दौरों में टेस्ट सिरीज क्रमशः 1-0 और 2-0 से जीती थी। भारत की बांग्लादेश के खिलाफ पाँच टेस्टों में यह चौथी जीत है।

भारत ने इस जीत से टेस्ट इतिहास की 15वीं सबसे बड़ी जीत हासिल की। साथ ही यह उसकी अपनी सबसे बड़ी जीत है। भारत ने इससे पहले 1997-98 में कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया को एक पारी और 219 रन से हराया था।

भारत ने तीन विकेट पर 610 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी जिसके जवाब में बांग्लादेश की टीम तीसरे दिन की सुबह मात्र 118 रन पर लुढ़क गई और उसे फालोऑन करना पड़ा। बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान ने 34 रन पर पाँच और अनिल कुंबले ने 32 रन पर तीन विकेट लेकर बांग्लादेश को ध्वस्त किया।

बांग्लादेश ने हालाँकि दूसरी पारी में मोहम्मद अशरफुल 67 और तेज गेंदबाज मशरफे मुर्तजा 70 के अर्द्धशतकों से कुछ संघर्ष किया, लेकिन उसकी पूरी पारी आखिरी सत्र में 253 रन पर सिमट गई।

भारत की तरफ से दूसरी पारी में ऑफ स्पिनर रोमेश पवार 33 रन पर तीन विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज रहे, जबकि जहीर खान, अनिल कुंबले और सचिन तेंडुलकर ने दो-दो विकेट लिए। रुद्रप्रताप सिंह के हिस्से में एक विकेट आया।

बांग्लादेश को पहली पारी में 492 रन के विशाल अंतर से पिछड़ने के बाद सुबह फालोऑन करना पड़ा। उसकी दूसरी पारी में भी पहली पारी की तरह शुरुआत खराब रही और दस रन तक पहुँचते-पहुँचते उसके तीन विकेट गिर गए।

पहली पारी में पाँच विकेट लेने वाले जहीर एक बार फिर बांग्लादेश पर गहर बन कर टूटे और उन्होंने शुरुआती तीन में से दो विकेट निकाल दिए। जहीर ने जावेद उमर (0) और कप्तान हबीबुल बशर (5) को आउट किया जबकि आर.पी.सिंह ने शहरियार नफीस (4) का विकेट ले लिया।

लेकिन इसके बाद उप-कप्तान मोहम्मद अशरफुल (67) और राजिश सालेह (42) ने चौथे विकेट के लिए 81 रन जोड़ डाले। अशरपुल ने काफी तेज गति से बल्लेबाजी की और मात्र 26 गेंदों पर अर्धशतक ठोक डाला। अशरपुल दक्षिण अफ्रीका के जैक्स कैलिस का 2005 में जिम्बॉब्वे के खिलाफ 24 गेंदों में सबसे तेज टेस्ट अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए।

इस मैच में कुंबले ने दोनों पारियों में कुल 5 विकेट हासिल किए। इसी के साथ टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 550 विकेट भी पूरे कर लिए। ऐसा करने वाले वे दुनिया के चौथे गेंदबाज बन गए। शेन वॉर्न ने 708, मुथैया मुरलीधरन ने 674 और मैग्राथ ने 563 टेस्ट विकेट हासिल किए हैं।

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