कोलकाता नाइट राइडर्स ने भले ही उन्हें कड़ी चुनौती दी हो लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को जीत का भरोसा था और शुरुआती ओवरों में मैच पर से पकड़ छूटती दिखने के बावजूद उन्हें जीत का भरोसा था।
धोनी ने कहा, ‘पहले सात आठ ओवर में जब उनके 70 के करीब रन बन गए तो लोगों को लगा होगा कि हम हार गए लेकिन मुझे पता था कि पिच धीमी होगी।’ उन्होंने कहा, ‘यह नई टीम के साथ पहला मैच था। नई कार में आप ब्रेक चाहते हैं लेकिन उसे ब्रेक करना नहीं चाहते। यदि हम यह मैच हार भी जाते तो इससे काफी कुछ हासिल करते। हमारी फील्डिंग बहुत उम्दा थी।
टिम साउदी ने अच्छी गेंदबाजी की। रणदीव और रैना का प्रदर्शन अच्छा था और अश्विन ने हमेशा की तरह अच्छी गेंदबाजी की।’ आखिरी गेंद को लेकर साउदी के साथ लंबी बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं कन्फ्यूज था कि ऑफ स्टम्प के बाहर गेंद डाली जाए या पैर पर यार्कर। मैंने उसे पैर पर यार्कर डालने के लिए कहा क्योंकि जिस तरह की हमारी फील्ड थी, उस पर मिडविकेट में बेहतरीन शॉट खेलने पर ही चौका लग सकता था। यह दाँव चल गया।’ केकेआर को आखिरी गेंद पर चार रन की जरूरत थी और एक ही रन बन सका।
वहीं मैन ऑफ द मैच अनिरूद्ध श्रीकांत ने कहा, ‘लंबे समय बाद पारी की शुरुआत करने का मौका मिला और मैंने इसका पूरा मजा लिया।’ प्रमुख राष्ट्रीय चयनकर्ता क्रिस श्रीकांत के बेटे ने कहा, ‘मैंने डैड की तरह बल्लेबाजी नहीं की। मुझे जमने में समय लगा जिसके बाद मैंने अपने शॉट खेले। हमें लगा कि 160 अच्छा स्कोर होगा और हम उसके करीब भी पहुँचे। बाद में मैंने तेजी से खेलने की कोशिश की। यदि बेहतर तरीके से कर पाता तो 10-15 रन और बनते।’ (भाषा)