नया मैच और नई चुनौतियाँ

बुधवार, 21 नवंबर 2007 (13:42 IST)
फिरोजशाह कोटला में 22 नवम्बर से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के पूर्व पाकिस्तानी टीम के मैनेजर तलत अली ने कहा कि अनिल कुंबले ने आठ साल पहले दस विकेट लिए थे। वह अब पुरानी बात हो चुकी है। यह एक नया मैच होगा और इसमें ई चुनौतियाँ होंगी।

बल्लेबाजी भारत का मजबूत पक्ष है और उसे कमजोर आक्रमण की भरपाई करने के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। सूत्रों से जो जानकारी है, उसके मुताबिक युवराजसिंह अंतिम 11 में शामिल नहीं होंगे जबकि वीवीएस लक्ष्मण पहले टेस्ट मैच में खेलेंगे।

भारत की तरफ से वसीम जाफर और दिनेश कार्तिक फिर से पारी का आगाज करेंगे, जिन्होंने इंग्लैंड में काफी अच्छी शुरुआत दी थी। राहुल द्रविड़ वन डे टीम से बाहर होने के बाद ॉर्म में लौट आए हैं और उन्होंने दो रणजी मैचों में दो शतक जमाकर संकेत दे दिए कि वह चयनकर्ताओं को करारा जवाब देने और शोएब अख्तर की अगुवाई वाले पाकिस्तानी आक्रमण पर हावी होने के लिए तैयार हैं।

सचिन तेंडुलकर इस समय शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और वह वन डे में 'नर्वस नाइंटीज' का शिकार बनने की आदत तोड़ने के लिए बेताब हैं। सौरव गांगुली एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान संघर्ष करते दिखे और इस लिहाज से उनके लिए श्रृंखला काफी महत्वपूर्ण होगी।

जहाँ तक पाकिस्तान का सवाल है तो सलामी जोड़ी उसके लिए सरदर्द बनी हुई है लेकिन सलमान बट ने फॉर्म में वापसी करके उसकी चिंता कुछ कम कर दी है। पाकिस्तानी बल्लेबाजी के मुख्य आधार स्तंभ मोहम्मद यूसुफ और यूनुस खान हैं, जो इस समय अच्छी लय में भी दिखाई दे रहे हैं।

यूसुफ और यूनिस दोनों ने वनडे श्रृंखला में कुछ बेहतरीन पारियाँ खेलीं। मिस्बाह उल हक को अब पाँच दिनी मैचों में भी खुद का साबित करना होगा जबकि कप्तान शोएब मलिक और फैसल इकबाल भी लंबी पारियाँ खेलने का माद्दा रखते हैं। पाकिस्तानी टीम प्रबंधन ने छह बल्लेबाजों के साथ उतरने के संकेत दिए हैं, जिसका मतलब होगा कि वह चार गेंदबाजों के साथ खेलेगा।

पाकिस्तानी गेंदबाजी भारत से मजबूत दिखाई दे रही है। शोएब अख्तर अब पूरी तरह फिट हैं और किसी भी समय मैच का पासा पलट सकते हैं। उमर गुल की हाई आर्म एक्शन से की गई गेंद तेंडुलकर को भी परेशानी में डालती रही हैं और भारत को उनसे सतर्क रहना होगा।

लेग स्पिनर दानिश कनेरिया का खेलना तय है जबकि मोहम्मद सामी और सोहेल तनवीर में से किसी एक को ही अंतिम एकादश में जगह मिलेगी।

भारतीय टीम पिछले तीन महीने से एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 मैचों में व्यस्त है और ऐसे में टेस्ट प्रारूप में ढलना उसके लिए चुनौती होगी। जहाँ तक पाकिस्तान का सवाल है तो यहाँ आने से पहले उसने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला खेली थी।

कोटला की पिच स्पिनरों की मददगार मानी जाती रही है लेकिन इस बार विकेट नया है, जिसमें सुबह के समय तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। क्यूरेटर राधेश्याम शर्मा के अनुसार पिच तीसरे दिन से टूटने लग जाएगी और इसके बाद स्पिनरों को इससे मदद मिलेगी। वैसे यह जीवंत पिच है और मुझे पूरा विश्वास है कि इस मैच में परिणाम निकलेगा।

जहाँ तक कोटला के रिकॉर्ड का सवाल है तो भारत ने यहाँ मैच जीते हैं जबकि छह में उसे हार मिली। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम ने यहाँ खेले चार मैचों में से दो में जीत दर्ज की जबकि दो ड्रॉ पर छूटे।

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