पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिए चुनी गई भारतीय टीम में वीरेंद्र सहवाग की वापसी पर हैरानी जताते हुए कहा कि इस आगामी कठिन दौरे के लिए शामिल करने से पहले दिल्ली के इस बल्लेबाज को पाकिस्तान के विरुद्ध श्रृंखला में खिलना चाहिए था।
मोरे ने यहाँ पत्रकारों को बताया यह एक आश्चर्य भरा फैसला है। सहवाग राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की 24 संभावितों की सूची में शामिल नहीं थे और फिर आप अचानक से उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुश्किल श्रृंखला के लिए चुन लेते हैं।
मोरे ने कहा कि सहवाग को पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में खिलाना चाहिए था। इससे उन्हें अपनी अच्छी फॉर्म हासिल करने का बेहतरीन मौका मिलता क्योंकि यह पाकिस्तानी टीम पिछले 40 साल में भारत के खिलाफ खेलने आयी सबसे कमजोर टीम है।
गौतम गंभीर चोटिल हैं, इसलिए सहवाग को उनकी जगह टीम में शामिल किया गया है। उन्होंने हालाँकि राजस्थान के तेज गेंदबाज पंकजसिंह के चुने जाने के फैसले का स्वागत किया।
मोरे ने कहा इस युवा तेज गेंदबाज के लिए यह एक बढ़िया मौका होगा। वे पिछले दो से तीन वर्षों में राजस्थान के लिए शानदार प्रदर्शन कर रहा है। इस 22 वर्षीय युवा गेंदबाज ने 23 प्रथम श्रेणी मैचों में 73 विकेट चटकाकर घरेलू क्रिकेट में शानदर प्रदर्शन किया है।
मोरे का मानना है कि केरल के तेज गेंदबाज एस श्रीसंथ की गैर मौजूदगी में भारतीय आक्रमण कमजोर होगा। उन्होंने कहा मुझे अब भी लगता है कि श्रीसंथ की अनुपस्थिति में आक्रमण में वह धार मौजूद नहीं होगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी सरजमीं पर इस गेंदबाजी आक्रमण से खेलना आसान चुनौती नहीं है।
मोरे टीम में मुरली कार्तिक के नहीं चुने जाने से भी नाखुश हैं। उन्होंने कहा पिछली बार मुरली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विकेट चटकाकर अच्छा प्रदर्शन किया था। वैसे सौरव गांगुली और युवराजसिंह अच्छी फॉर्म में हैं और इससे बल्लेबाजी में कोई परेशानी नहीं होगी। क्षेत्ररक्षण हमारा कमजोर पक्ष है और हमें सचमुच इस विभाग में सुधार की जरूरत है।