पाकिस्तान ने हैरतअंगेज उलटफेर करते हुए खिताब की प्रबल दावेदार दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराकर आईसीसी ट्वेंटी 20 विश्वकप के दूसरे संस्करण के फाइनल में जगह बना ली। पहले सेमीफाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 20 ओवरों में 4 विकेट खोकर 149 रन बनाए। अफ्रीकी टीम निर्धारित बीस ओवर में 5 विकेट पर 142 रन ही बना सकी।
जीत के लिए 150 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी अफ्रीकी टीम ने कैलिस और स्मिथ के सहारे पहले विकेट के लिए 40 रन जोड़े। इस जोड़ी के टूटने के बाद एक छोर कैलिस ने साहस के साथ संभाले रखा और 64 रनों का योगदान दिया। डुमिनी 44 रन बनाकर नाबाद रहे।
पाकिस्तान की कसी हुई गेंदबाजी ने अफ्रीकी शेरों को खुलकर खेलने का अवसर नहीं दिया। 'मैन ऑफ द मैच' अफरीदी ने निर्णायक अवसर पर 16 रन देकर 2 विकेट लिए जबकि उमर गुल ने बेहतरीन गेंदबाजी का मुजाहिरा करते हुए 3 ओवर में केवल 19 रन दिए। यही कारण था कि अफ्रीका लक्ष्य से चंद कदमों के फासले पर रह गया। अफ्रीका वनडे और ट्वेंटी-20 के किसी भी विश्वकप के फाइनल में आज तक नहीं पहुँचा है।
पाकिस्तान के फाइनल में पहुँचने की तारीफ इस लिए भी की जाना चाहिए क्योंकि उसने बीते कई महीनों में बहुत कम अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और उसकी टीम दूसरी समस्याओं में ही उलझी हुई रही, लेकिन इसके बाद भी उसके खिलाड़ियों ने हौसला नहीं खोया और एक ऐसा उलटफेर कर डाला जिसकी कल्पना क्रिकेट बिरादरी ने कभी नहीं की थी। सही मायने में पाक खिलाड़ी इस जीत के हकदार है।
इससे पहले शाहिद अफरीदी के तेज अर्धशतक का फायदा उठाने में नाकाम रहने और अंतिम पाँच ओवरों की धीमी बल्लेबाजी के कारण पाकिस्तान दक्षिण अफ्रीका की अनुशासित गेंदबाजी के सामने चार विकेट पर 149 रन ही बना पाया था।
'बूम बूम' अफरीदी ने बल्लेबाजी में पहली बार अपने तेवर दिखाते हुए 34 गेंद पर 51 रन बनाए, जिसमें आठ चौके शामिल थे। उन्होंने शोएब मलिक (34) के साथ तीसरे विकेट के लिए 67 रन की साझेदारी की। जब तक वे क्रीज पर थे तब तक पाकिस्तान बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने अंतिम पाँच ओवरों में केवल 29 रन दिए और इस बीच एक बार भी गेंद सीमा रेखा पार नहीं जाने दी।
पाकिस्तान जब टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा तो उसने दूसरे ओवर में ही सलामी बल्लेबाज शाहजैब हुसैन का विकेट गँवा दिया, जिन्होंने वायने पार्नेल की गेंद पुल करके मिड ऑन पर रीलोफ वान डर मर्व को कैच थमाया।
कामरान अकमल (12 गेंद पर 23 रन) पर इसका असर नहीं पड़ा और उन्होंने अगली दो गेंद सीमा रेखा पार पहुँचाने के बाद अगले ओवर में डेल स्टेन पर लांग ऑफ में छक्का भी जड़ा। जीत आखिर में हालाँकि स्टेन की हुई, जिन्होंने अगली गेंद शॉर्ट पिच करके अकमल को हवा में शॉट खेलने के लिए मजबूर कर दक्षिण अफ्रीका को दूसरी सफलता दिलाई।
अफरीदी ने पार्नेल के पहले ओवर में मिड ऑन पर चौका जड़कर खाता खोला लेकिन सलामी बल्लेबाजों के जल्दी पैवेलियन लौटने का उन पर कुछ दबाव दिख रहा था। दक्षिण अफ्रीका ने भी नियंत्रित गेंदबाजी की और अकमल के आउट होने के बाद अगले छह ओवर में केवल दो बार गेंद सीमा रेखा पार गई। अफरीदी ने जैक्स कैलिस के पहले ओवर में दो चौके लगाए थे।
अफरीदी ने नौवें ओवर के शुरू में बल्ला बदला और इससे जो पहली गेंद खेली उसे चार रन के लिए भेजा और फिर अगले ओवर में जोहान बोथा पर लगातार चार चौके जड़े। अफरीदी अब लंबे शाट खेलने के लिए उतावले थे और दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने ऐसे में धीमी गति के गेंदबाज जीन पाल डुमिनी को गेंद सौंपने का चतुराई भरा फैसला किया।
डुमिनी की फ्लाइट लेती पहली गेंद को ही अफरीदी सीमा रेखा पार पहुँचाना चाहते थे लेकिन वह उनके बल्ले के बाहरी किनारे से लगकर हवा में लहराने लगी और एबी डिविलियर्स ने मिडविकेट पर आसान कैच लपका।
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को तो इसी विकेट का इंतजार था। इसके बाद उनकी कड़ी गेंदबाजी के सामने पाकिस्तानी बल्लेबाज रन बनाने के लिए जूझते रहे और इस बीच उसने मलिक का भी विकेट गँवाया, जिन्होंने वान डर मर्व की गेंद पर लप्पेदार शॉट मारकर सीमा रेखा पर कैच थमाया। उन्होंने 34 रन के लिए 39 गेंद खेली और दो चौके लगाए।
कप्तान यूनिस खान (नाबाद 24) और अब्दुल रज्जाक (नाबाद 12) अंतिम ओवरों में तेजी से रन जुटाने में असफल रहे। इस तरह पाकिस्तान निर्धारित 20 ओवरों में 4 विकेट खोकर 149 रन ही एकत्र कर सका।