खराब फार्म और फिटनेस के कारण टेस्ट टीम से बाहर हुए युवराजसिंह ने सोमवार को जोर देकर कहा कि वे श्रीलंका दौरे के दौरान अच्छी लय में थे और चयनकर्ताओं का फैसला उनके लिए निराशाजनक है।
युवराज ने श्रीलंका में अभ्यास मैच में 118 जबकि गाले में पहले टेस्ट की पहली पारी में 52 रन की पारी खेली थी और उनका मानना है कि श्रीलंका में खेले दो मैचों में एक शतक और अर्धशतक उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला में जगह दिलाने के लिए काफी होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि चयन मेरे हाथ में नहीं है। श्रीलंका में मैंने दो मैच खेले, पहले में मैंने शतक और दूसरे में अर्धशतक बनाया। अगर यह काफी नहीं है तो मैं कुछ नहीं कह सकता। युवराज ने कहा कि बेशक यह निराशाजनक है। पिछले दो साल में मैं काफी चोटिल रहा और मुझे संघर्ष करना पड़ा।
युवराज बीमार होने के कारण श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए थे और सुरेश रैना ने उनकी जगह पदार्पण करते हुए शतक बनाया था। फिटनेस के बारे में पूछने पर पंजाब के इस बल्लेबाज ने कहा कि यह अब काफी बेहतर है। श्रीलंका का दौरे डेंगू और गर्दन की चोट के कारण मेरे लिए काफी मुश्किल था। अगले कुछ दिनों में मैं और फिट हो जाऊँगा।
यह पूछने पर कि वे खेल के लंबे प्रारूप में संघर्ष क्यों कर रहे हैं, युवराज ने कहा कि वे खुद नहीं जान पा रहे हैं कि कमियाँ कहाँ हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले सात साल से मैं टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन ऐसा नहीं कर पाया। यह काफी निराशाजनक है। इसके कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण तो मुझे भी नहीं पता। इसके बाद मैं चोटिल और बीमार हो गया। (भाषा)