रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर लगा 'चोकर्स' का ठप्पा

सोमवार, 10 अक्टूबर 2011 (19:31 IST)
क्रिकेट में यदि कोई टीम चोकर्स के नाम से जानी जाती थी तो वह दक्षिण अफ्रीका की टीम थी। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के बाद अब चोकर्स का ठप्पा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर भी चस्पा हो गया है।

बेंगलुरु की टीम कल रात मुंबई इंडियंस से चैंपियंस लीग ट्‍वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में पराजित हो गई। इससे पहले आईपीएल के चौथे संस्करण के खिताबी मुकाबले में भी बेंगलुरु को चेन्नई सुपरकिंग्स से पराजय का सामना करना पड़ा था। बेंगलुरु की टीम 2009 में आईपीएल के दूसरे संस्करण के फाइनल में भी डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद से पराजित हुई थी।

इस तरह वह अब तक दो आईपीएल और एक चैंपियंस लीग का फाइनल हारकर खुद पर चोकर्स का ठप्पा लगा बैठी है। टीम के पास चैंपियंस लीग में जीतने का अच्छा मौका था, जब उसने मुंबई इंडियंस को 139 के स्कोर पर रोक दिया था। लेकिन उसके बल्लेबाज 19.2 ओवर में 108 रन पर लुढ़ककर 31 रन से मैच हार गए।

आईपीएल-4 के फाइनल में बेंगलुरु के सामने 206 रन का लक्ष्य था लेकिन टीम आठ विकेट पर 147 रन बनाकर 58 रन से मैच हार गई थी। बेंगलुरु ने चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल में और आईपीएल-4 के सेमीफाइनल में धमाकेदार प्रदर्शन किया था1 मगर खिताबी मुकाबले में टीम विफल रही।

दिलचस्प बात है कि बेंगलुरु के कैरेबियाई बल्लेबाज क्रिस गेल ने आईपीएल-4 के सेमीफाइनल में और चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल में विस्फोटक पारियां खेली थी मगर खिताबी मुकाबले में जाकर वह लुढक गए और बेंगलुरु को हार का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2009 के आईपीएल के खिताबी मुकाबले में बेंगलुरु ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए डेक्कन चार्जर्स को 143 रन पर रोक दिया था लेकिन फिर उसके बल्लेबाज नौ विकेट पर 137 रन ही बना सके और खिताब जीतने से चूक गए।

उद्योगपति विजय माल्या के मालिकाना हक वाली रॉयल चैलेंजर्स को यदि चोकर्स का ठप्पा हटाना है तो उसे अगले वर्ष आईपीएल या चैंपियंस लीग में से कम से कम एक खिताब जीतना होगा। (वार्ता)

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