ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच विश्व कप फाइनल के आखिरी तीन ओवरों की विचित्र स्थिति का विवाद अभी पूरी तरह थम भी नहीं पाया था कि दोनों देशों के बीच ऑस्ट्रेलियाई विकेट कीपर एडम गिलक्रिस्ट के फाइनल में अपने दस्तानों के अंदर स्क्वैश बाल का इस्तेमाल करने को लेकर एक नया विवाद उठता नजर आ रहा है।
गिलक्रिस्ट ने बारबाडोस में खेले गए फाइनल में मात्र ।04 गेंदों में ।49 रन की विस्फोटक पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को चौथी बार विश्व कप खिताब दिला दिया था। गिलक्रिस्ट ने अपने इस प्रदर्शन का श्रेय अपने ग्लब्स के अंदर स्क्वैश बाल का इस्तेमाल करने को दिया था जिससे उन्हें बल्ले के हैंडल पर अपने निचले हाथ की ग्रीप बनाने में मदद मिली थी।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के सचिव कंगदरन मतिवनन ने कहा है कि वे गिलक्रिस्ट द्वारा बाँए ग्लब्स में स्क्वैश बाल प्रयोग करने के मामले को आईसीसी के सामने उठाएँगे।
उन्होंने कहा कि वैसे हमें नहीं लगता कि गिलक्रिस्ट ने कुछ गलत किया, लेकिन हम इस बात पर प्रश्न उठाएँगे कि क्या यह अनैतिक या खेल भावनाओं के विपरीत नहीं था। उन्होंने कहा कि मई जून में आईसीसी के सामने इस मामले को उठाने की योजना बना रहे है ताकि इस बात पर चर्चा हो सके कि क्या ग्लब्स के अंदर किसी प्रकार के वस्तु के प्रयोग की इजाजत दी जानी चाहिए।
इस बीच सिडनी से प्राप्त समाचार के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अधिकारियों ने मतिवनन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है कि गिलक्रिस्ट ने खेल भावना का उल्लंघन किया है।
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के प्रवक्ता पीटर यंग ने कहा कि मतिवनन का यह सवाल उठाना एक हारे हुए जुआरी का प्रलाप मात्र है।
यंग ने कहा कि यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि आप अपने निचले दस्तानों में स्क्वैश बाल का इस्तेमाल कर गिलक्रिस्ट जैसी बल्लेबाजी कर सकते हैं तो आईसीसी को इसे अनिवार्य ही बना देना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी कोच बॉब म्यूलमैन ने कहा कि उन्हें मतिवनन की टिप्पणी सुनकर निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि इसमें कुछ अनैतिक था, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।
इस बीच श्रीलंका के ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने कहा कि अन्य खिलाड़ी अपने अधिकारी के विचारों से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह उनका निजी विचार है जबकि टीम ऐसा नहीं सोचती है।