सॉफ्ट पावर स्ट्रैटिजी
देश अपनी सॉफ्ट पावर स्ट्रैटिजी के तहत मुख्य रूप से संस्कृति पर जोर दे रहा है। इकॉनोमिक एंड पॉलिटिक्ल वीकली की एक रिपोर्ट मुताबिक साल 2004 से लेकर अब तक चीन ने दुनिया के 140 देशों में 500 कन्फ्यूशियस संस्थानों की स्थापना की। कन्फ्यूशियस चीन के एक बड़े सुधारक माने जाता हैं और इनकी शिक्षाओं को मानने वाले कन्फ्यूशियस धर्म का पालन करते हैं।
भाषा का प्रभाव
चीन ने न सिर्फ देश की मंडारिन भाषा के लिए बल्कि मीडिया में भारी निवेश किया है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ने दुनिया के 40 स्थानों पर अपने समाचार ब्यूरो खोले हैं। इसके साथ ही इसने रिपोर्टर्स की संख्या को भी बढ़ाया है। चीन ने अपनी अंतरराष्ट्रीय मीडिया सर्विस, चीन ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क को ऐसे पेश किया है कि वह अन्य वैश्विक सेवाओं मसलन बीबीसी, सीएनएन, अल जजीरा और डॉयचे वेले आदि से मुकाबला कर सकें।
इंटरनेट और ई-कॉमर्स
चीन की सरकार अपनी ऑनलाइन पहुंच बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। पिछले साल सरकारी मीडिया समूह ने अंग्रेजी की मुफ्त बेवसाइट को लॉन्च किया। ये बेवसाइट कई बार हल्की टिप्पणी करती है तो कभी कड़ी आलोचना भी करती है। वहीं चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा की लोकप्रियता भी दुनिया भर में बढ़ रही है।