भारत के गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाएंगे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति

DW

मंगलवार, 2 नवंबर 2021 (16:41 IST)
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने भारत में पंजीकरण करवा लिया है। सोमवार को मस्क की सैटलाइट इंटरनेट उपलब्ध कराने वाली कंपनी स्टारलिंक ने रजिस्ट्रेशन कराया है। स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क भारत में इंटरनेट सेवाएं देने जा रहे हैं। इसके लिए उनकी कंपनी स्टारलिंक ने भारत में रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है। स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की यह कंपनी भारत में इंटरनेट सेवाएं देने की योजना बना रही है।
 
भारत में स्थानीय कंपनी रजिस्टर करा लेने से स्टारलिंक को उन लाइसेंस के लिए अप्लाई करने में सुविधा होगी, जो ब्रॉडबैंड व अन्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार जारी करती है। भारत में स्टारलिंक के निदेशक संजय भार्गव ने लिंक्डइन के जरिए इसका ऐलान किया। भार्गव ने एक पोस्ट में लिखा कि हम अब लाइसेंस अप्लाई करना शुरू कर सकते हैं, बैंक खाते वगैरह खोल सकते हैं। भार्गव ने अक्टूबर में ही इस कंपनी के साथ काम शुरू किया है।
 
लो अर्थ ऑरबिट सेवाएं
 
एलन मस्क ने सितंबर में ही जाहिर कर दिया था कि वे भारत में इंटरनेट सेवाएं शुरू करने जा रहे हैं। एक ट्वीट के जरिए 1 सितंबर को मस्क ने यह जानकारी देते हुए कहा था कि रेग्युलटरी अप्रूवल प्रक्रिया चल रही है।
 
दुनिया में ऐसी कंपनियों की संख्या बढ़ रही है, जो छोटे उपग्रह धरती की कक्षा में निचले स्तर पर स्थापित कर रही हैं। स्टारलिंक उन्हीं कंपनियों में से एक है। ये कंपनियां लो-लेटेंसी इंटरनेट यानी ऐसी इंटरनेट सेवाएं दे रही हैं जिनमें डेटा की ऑनलाइन प्रोसेसिंग तेज होती है।
 
इन कंपनियों की सेवाओं के केंद्र दूरदराज के ऐसे इलाके होते हैं, जहां इंटरनेट सेवाओं का ढांचागत विकास नहीं पहुंच पाया है। स्टारलिंक भी भारत में गावों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। भारत में उसका मुकाबला अमेजॉन की कुइपर और ब्रिटिश सरकार व भारत एंटरप्राइज की साझा कंपनी वनवेब से होगा।
 
स्टारलिंक ने रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज दाखिल किए हैं उनके मुताबिक कंपनी भारत में टेलीकम्युनिकेशन सर्विस में बिजनस करना चाहती है, जिसमें सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं, कॉन्टेंट स्टोरेज और स्ट्रीमिंग और मल्टीमीडिया कम्युनिकेशन जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी सैटेलाइट फोन, नेटवर्क इक्विपमेंट और वायरलेस और वायर्ड डिवाइस व डाटा ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भी कम करेगी।
 
स्टारलिंक ने कहा है कि अपनी ब्रॉडबैंडसेवाओं के जरिए वह ग्रामीण विकास के उत्प्रेरक के तौर पर काम करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। भार्गव ने लिंक्डइन पर एक प्रेजेंटेशन भी पोस्ट की है जिसमें विस्तार से कंपनी की नीतियों पर रणनीतियों के बारे में बताया गया है।
 
गांवों पर ध्यान
 
कंपनी कहती है कि जब उसे सेवाएं उपलब्ध कराने की इजाजत मिल जाएगी तो वह पहले चरण में दिल्ली और आसपास के 100 ग्रामीण स्कूलों में मुफ्त उपकरण उपलब्ध कराएगी। इसके बाद उसका ध्यान पूरे भारत के 12 ग्रामीण जिलों पर केंद्रित रहेगा। प्रेजेंटेशन के मुताबिक स्टारलिंक का लक्ष्य है कि अगले साल दिसंबर तक देशभर में 2 लाख स्टारलिंक उपकरण हों। इनमें से 80 प्रतिशत वह देश के ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध कराना चाहती है। कंपनी को 5 हजार ऑर्डर तो मिल भी चुके हैं।
 
स्टारलिंक फिलहाल ऑस्ट्रेलिया, चिली, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों में सेवाएं उपलब्ध करवा रही है। कंपनी एक किट उपलब्ध करवाती है जिसमें वाई-फाई राउटर, पावर सप्लाई, केबल और एक माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है। राउटर सीधा सैटेलाइट से कनेक्ट होता है। लेकिन इंटरनेट सेवाओं की क्वालिटी इस बात पर निर्भर करती है कि आसमान साफ है या नहीं। सेटअप आदि एक मोबाइ ऐप के जरिए होता है।
 
वीके/एए (रॉयटर्स)

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