जर्मनी से निकली हैं ये परिकथाएं

बुधवार, 27 जून 2018 (11:56 IST)
सबने बचपन में कोई ना कोई परिकथा पढ़ी है। जिसने नहीं पढ़ी, उसने डिजनी की फिल्मों में इन्हें देखा है। लेकिन आपको शायद अंदाजा भी नहीं होगा कि जिन कहानियों के साथ आपका बचपन गुजरा, उनमें से कई जर्मनी से निकल कर आप तक पहुंचीं।
 
 
स्लीपिंग ब्यूटी
राजकुमारी को सुई चुभी और वह कई सालों के लिए सो गई। आखिरकार एक राजकुमार ने आ कर उसे चूमा और वह फिर से जग गई। बच्चों की कहानी वाली किताबों में यह कहानी जरूर होती है। जर्मन राजकुमारी का नाम है डॉर्नरोएश्चन। वॉल्ट डिजनी ने अपनी फिल्म में इसे स्लीपिंग ब्यूटी का नाम दिया।
 
 
रेड राइडिंग हुड
वो अपनी दादी से मिलने जाती है और रास्ते में उसे एक भेड़िया मिल जाता है। उसने लाल रंग के कपड़े पहने होते हैं, इसीलिए उसे यह नाम भी मिलता है। जर्मन भाषा में इस बच्ची को रोटकेप्चन के नाम से जाना जाता है। कहानी का मकसद बच्चों को यह समझाना है कि उन्हें अजनबियों से बात नहीं करनी चाहिए।
 
 
हैंसल और ग्रेटेल
गरीब पिता अपने बच्चों हैंसल और ग्रेटेल को जंगल में छोड़ आता है जहां उन्हें एक चुड़ैल मिल जाती है। बच्चे किसी तरह उससे पीछा छुड़वा कर घर लौट आते हैं। इस कहानी को अकसर बच्चों की चतुराई के लिए याद किया जाता है। घर का रास्ता याद रखने के लिए बच्चे अपने पीछे ब्रेड के टुकड़े छोड़ते चलते हैं।
 
 
स्नोव्हाइट
"मिरर मिरर ऑन द वॉल''... सौतेली मां स्नोव्हाइट की खूबसूरती से जलती थी, खुद दुनिया की सबसे खूबसूरत इंसान बनाना चाहती थी। वह बच्ची को शिकारी के हाथों में सौंप देती है लेकिन शिकारी उसे मारने की जगह जंगल में छोड़ आता है, जहां उसे सात बौने मिलते हैं। स्नोव्हाइट को श्नेविच्चेन कहा जाता है।
 
 
रपंजल
जर्मन में रापुंत्सेल, अंग्रेजी में रपंजल और डिजनी के फिल्म के टाइटल के अनुसार टैंगल्ड। यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसके खूब लंबे बाल थे। एक चुड़ैल मां बन कर उसे पालती है लेकिन उसे पहाड़ी के ऊपर एक किले में बंद कर के रखती है। एक दिन एक राजकुमार उसके लंबे बालों को रस्सी बना कर किले में चढ़ आता है।
 
 
फ्रॉग प्रिंस
बाकी की कहानियों की तरह यहां भी एक राजकुमारी है, जिसे तालाब के पास खेलते हुए एक मेंढक मिल जाता है। मेंढक तालाब से गेंद ढूंढ कर बाहर निकालने में राजकुमारी की मदद करता है और बदले में उसका साथ मांगता है। राजकुमारी जब मेंढक को चूमती है, तो वो राजकुमार में तब्दील हो जाता है।
 
 
ब्रेमेन टाउन म्यूजिशियंस
ये कहानी चार जानवरों की है जो ब्रेमेन शहर जा कर गायक बनना चाहते हैं। एक गधा, कुत्ता, बिल्ली और मुर्गा ब्रेमेन के रस्ते में आराम करने के लिए एक घर में रुकते हैं, जहां चोर आ जाता है। चारों एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर उसका सामना करते हैं। जर्मनी के ब्रेमेन शहर में इन चारों की मूर्ति भी है।
 
 
ग्रिम भाई
जर्मनी के याकोब और विल्हेल्म ग्रिम भाइयों ने मिल कर लोककथाओं को जमा किया और दो हिस्सों में इन्हें प्रकाशित किया। पहली किताब 1812 में और दूसरी 1815 में छपी। इन कहानियों में बच्चों और खास कर लड़कियों को चेतावनी देने वाले संदेश देखे जाते हैं। हालांकि पिछले 200 सालों में इन कहानियों में काफी बदलाव किए गए हैं।
 

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